
स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे से ठीक पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हमला बोलते हुए सोशल मीडिया पर 12 तीखे सवाल दागे हैं। उन्होंने इन सवालों के जवाब खुद पीएम के भाषण में देने की चुनौती दी है। इन सवालों में विकास, कानून व्यवस्था, रोजगार, अपराध, और राज्य की बदहाल स्थिति को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अपने बिहार दौरे पर हैं, जहां वे सीवान जिले में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। लेकिन इस दौरे से पहले ही राज्य की राजनीति गरमा गई है। राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक के बाद एक 12 सवाल दाग दिए हैं। इन सवालों को लेकर बिहार की राजनीति में तूफान सा मच गया है।
तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया कि आखिर क्यों पीएम मोदी हर चुनाव में 200 से अधिक रैलियां कर बिहारवासियों को झूठे वादों में उलझाते हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत जस की तस बनी रहती है। उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या वे अपने पुराने वादों और भाषणों की समीक्षा करने का साहस दिखाएंगे?
उन्होंने दूसरा सवाल पूछा कि 2015 से लेकर अब तक की गई घोषणाओं, शिलान्यास और उद्घाटनों की केवल पुनरावृत्ति क्यों होती रही है? इसके पीछे वास्तविक विकास का कितना आधार है?
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि एनडीए की केंद्र और राज्य सरकार में 20 सालों से सत्ता में रहते हुए भी बिहार गरीबी, बेरोजगारी, प्रति व्यक्ति आय, निवेश और औद्योगिक विकास जैसे मामलों में सबसे पिछड़ा क्यों है? उन्होंने रिपोर्ट्स और सरकारी आंकड़ों का हवाला देकर इसे ‘विफलता’ करार दिया।
एक अन्य सवाल में उन्होंने लालू यादव के समय किए गए कार्यों जैसे जेपी विश्वविद्यालय की स्थापना और रेलवे कारखानों की बात उठाते हुए कहा कि आज उसी की नींव पर पीएम मोदी किस आधार पर श्रेय ले रहे हैं?
उन्होंने यह भी पूछा कि पिछले दो दशकों में एनडीए शासनकाल में 65,000 से अधिक निर्दोष लोगों की हत्याएं और 25,000 बलात्कार जैसी घटनाएं हुईं — क्या पीएम मोदी इन बातों का जवाब देंगे?
तेजस्वी ने यह सवाल भी उठाया कि क्या प्रधानमंत्री बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 'अचेत अवस्था' पर भी देशवासियों को जानकारी देंगे, जैसा उन्होंने पहले उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बारे में दिया था?
साथ ही, उन्होंने यह सवाल भी किया कि क्या एनडीए सरकार भीड़ लाने के लिए शिक्षकों और स्वास्थ्यकर्मियों पर दबाव क्यों डाल रही है?
तेजस्वी यादव का यह हमला न सिर्फ तीखा था, बल्कि रणनीतिक भी था, जिसका सीधा असर मोदी की सीवान रैली पर देखने को मिल सकता है। अब देखना यह होगा कि पीएम मोदी अपने भाषण में इन सवालों का जवाब देते हैं या इन्हें अनदेखा कर जाते हैं।