
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
ट्रम्प ने कहा: मेरे पास अविश्वसनीय "कार्ड" हैं, लेकिन उन्हें खेलना नहीं चाहता; वरना चीन बर्बाद हो जाएगा
रविवार को ओवल ऑफिस में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के साथ व्यापारिक तनावों को लेकर अपनी रणनीतिक स्थिति स्पष्ट की। उनका कहना था: “चीन के पास कुछ कार्ड हैं, हमारे पास अविश्वसनीय कार्ड हैं, लेकिन मैं उन्हें खेलना नहीं चाहता क्योंकि अगर मैं खेलता, तो यह चीन को बर्बाद कर देता” ।
उनका यह बयान एक मजबूत आर्थिक विकल्प की ओर संकेत है जिसे ट्रम्प उपयोग नहीं करना चाहते, ताकि संबंधों को पूरी तरह से बिगाड़ा न जाए। इसी बातचीत के दौरान उन्होंने यह भी घोषणा की कि यह द्विपक्षीय संबंध “बहुत अच्छे” रहेंगे ।
व्यापार युद्ध और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों पर कड़ा रुख
ट्रम्प ने चीन से दुर्लभ पृथ्वी तत्वों—विशेषकर मैग्नेट्स—की निरंतर आपूर्ति की मांग की। यदि चीन ऐसा नहीं करता, तो वह 200% तक की भारी टैरिफ लगाने की चेतावनी दे चुके हैं । ये मैग्नेट्स उच्च-तकनीक और रक्षा उत्पादों के लिए आवश्यक हैं, इसलिए यह कदम गंभीर आर्थिक और रणनीतिक दबाव का हिस्सा है ।
व्यापार की शांति और राजनयिक संभावनाएं
इस तीव्र वार्तालाप के बावजूद, दोनों देशों ने व्यापार युद्ध को टालते हुए 12 अगस्त को अपनी व्यापार संधि अवधि को 90 दिन और बढ़ाने का निर्णय लिया था। यह समय सीमा नवंबर तक बढ़ाई गई है, ताकि बातचीत को जारी रखा जा सके ।
ट्रम्प ने यह भी जानकारी दी कि वे हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात कर चुके हैं, और संभवतः इस साल या उसके बाद चीन की यात्रा कर सकते हैं। उन्होंने शी की इस संबंध में अनुमति का जिक्र किया।
रणनीतिक दबाव का मिश्रित संदेश
इस बयान में स्पष्ट दोहरी रणनीति दिखाई दे रही है: एक ओर कड़ी कार्रवाई की क्षमता और दूसरी ओर राजनयिक नरमी और सहयोग बनाये रखने की कोशिश। "मैं उन कार्ड को खेलने वाला नहीं हूँ" – यह पंक्ति अमेरिका की भू-राजनीतिक शक्ति की चेतावनी है, वही समय में अस्थिरता से बचने की इच्छा को भी दर्शाती है।
इस प्रकार, ट्रम्प के हालिया बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे चीन पर कूटनीतिक और व्यापारिक रूप से दबाव बनाने की स्थिति रखते हैं, लेकिन फिलहाल वह ऐसा कदम उठाकर अंतरराष्ट्रीय संबंधों को पूरी तरह से खराब करना नहीं चाहते।