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UP वन महोत्सव 2025: 35 करोड़ पौधों के रोपण का रिकॉर्ड लक्ष्य

नेशनल डेस्क, श्रेया पांडेय |

उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और हरित आवरण को बढ़ाने के उद्देश्य से वन महोत्सव-2025 के अंतर्गत एक महत्वाकांक्षी पौधरोपण अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का लक्ष्य 1 जुलाई से 7 जुलाई 2025 तक के एक सप्ताह में 35 करोड़ पौधे लगाना है, जो देश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा एकल राज्य पौधरोपण प्रयास माना जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह अभियान केवल सरकारी प्रयास नहीं है, बल्कि इसमें समाज के सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है — जिसमें किसान, निजी संस्थान, स्वयंसेवी संगठन, स्कूली बच्चे और आम नागरिक शामिल हैं।

इस अभियान को राज्य सरकार ने मिशन मोड में लिया है। बागवानी विभाग, वन विभाग, तेंदूपत्ता संग्राहकों, निजी क्षेत्रों और स्थानीय निकायों के साथ समन्वय कर के 2,586 नर्सरियों को सक्रिय किया गया है, जहाँ से विभिन्न किस्मों के पौधे निःशुल्क या रियायती दर पर वितरित किए जा रहे हैं। विशेष जोर उन प्रजातियों पर दिया जा रहा है जो स्थानीय पर्यावरण के अनुकूल हैं और जिनसे मिट्टी की गुणवत्ता, भूजल पुनर्भरण और जैव विविधता को बढ़ावा मिलता है।

इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं से भी इस अभियान को जोड़कर हरित विकास का उदाहरण पेश किया गया है। जैसे कि लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे* पर 2.5 लाख से अधिक पौधे रोपे जाएंगे, वहीं बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर लगभग 1.2 लाख पौधों का लक्ष्य निर्धारित है। इसके अतिरिक्त, राज्य के अन्य जिलों में भी ज़िला प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि वे अपने स्तर पर पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित करें और यह सुनिश्चित करें कि लगाए गए पौधों की नियमित देखभाल की जाए।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य केवल वृक्षारोपण नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटना, हरित आवरण में वृद्धि, कार्बन अवशोषण क्षमता को बढ़ाना और पर्यावरणीय असंतुलन को नियंत्रित करना है। उत्तर प्रदेश जैसे जनसंख्या घनत्व वाले राज्य में हरियाली बढ़ाना एक चुनौती रहा है, लेकिन सरकार इसे अवसर में बदलने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही है। इसके माध्यम से ग्रामीण रोजगार, मिट्टी संरक्षण, और किसानों को बागवानी से जोड़ने के नए रास्ते भी खुल रहे हैं।

राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि पौधे लगाने के बाद उनकी निगरानी और देखभाल के लिए जियो-टैगिंग तकनीक, मोबाइल ऐप्स और पंचायत स्तर पर वन मित्रों की नियुक्ति की जाएगी, ताकि वृक्षारोपण केवल एक औपचारिकता बनकर न रह जाए, बल्कि दीर्घकालिक हरित निवेश के रूप में उभरे। इसके अलावा, विद्यालयों और कॉलेजों में एक छात्र, एक पौधा अभियान चलाया जा रहा है, जिससे युवाओं में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का भाव विकसित हो।

उत्तर प्रदेश का यह पौधरोपण अभियान न केवल एक पर्यावरणीय आंदोलन का रूप ले रहा है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक *मॉडल* बन सकता है कि किस तरह जनसहभागिता, तकनीकी सहयोग और मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के माध्यम से *हरित भारत* के सपने को साकार किया जा सकता है।