
स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार |
पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के इंद्रपुरी में घटित दो बच्चों की मृत्या के प्रकरण को लेकर परिजन एवं स्थानीय निवासी गुस्साए हुए हैं। सोमवार संध्या को पुनः पीड़ित परिवार के साथ क्षेत्रवासियों ने सड़क पर प्रदर्शन करते हुए आगजनी की घटना को अंजाम दिया।
प्रदर्शन के दौरान घटनाएं
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान राहगीरों के साथ दुर्व्यवहार किया गया। एक भाजपा नेता का वाहन भी इस स्थिति में फंस गया, जिसके कारण उन्हें अपना नेम प्लेट छुपाकर वापस जाना पड़ा। उपद्रवी तत्वों द्वारा कुछ वाहनों के कांच भी तोड़े गए हैं। वर्तमान में अटल पथ पर सभी प्रदर्शनकारी विरोध जता रहे हैं। पुलिस प्रशासन के विरुद्ध क्रोधित जनसमूह नारेबाजी में संलग्न है।
यातायात की स्थिति
दीघा की दिशा में जाने वाले मार्ग पर एक किलोमीटर से अधिक लंबा ट्रैफिक जाम है। पुलिस अधिकारी घटनास्थल पहुंचकर परिस्थिति को काबू में करने का प्रयास कर रहे हैं। फिलहाल लोग उत्तेजित हैं और पिछले 30 मिनट से जाम की स्थिति बनी हुई है।
मूल घटना का विवरण
पटना के पाटलिपुत्र थाना इलाके में 15 अगस्त की संध्या को इंद्रपुरी रोड नंबर 12 पर दो मासूम भाई-बहन के शव मिले थे। इस मामले में परिवारजनों ने जानबूझकर हत्या करने का आरोप लगाया था।
पूर्व में हुए प्रदर्शन
इससे पहले भी 4 दिन पूर्व क्रोधित लोगों ने अटल पथ को जाम कर दिया था। टायर जलाकर आगजनी की गई थी। लोगों का आरोप था कि पुलिस इस प्रकरण में ढकने-छुपाने का काम कर रही है और आरोपियों की तलाश नहीं कर रही है।
मां का आरोप; बच्चों की मां किरण ने बताया था, "पुलिस पूरे मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। हमारे बच्चों की हत्या हुई है। गले में दबाने के निशान थे। हाथ पर चोट के निशान थे। पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। हमें न्याय चाहिए।"
15 अगस्त की घटना
रक्षाबंधन के 6 दिन उपरांत 15 अगस्त की शाम को पटना के इंद्रपुरी के रोड नंबर 12 में कार से भाई-बहन के मृत शरीर मिले थे। कार एक परिसर में खड़ी थी। परिसर के गेट पर ताला नहीं लगा था।
पीड़ित बच्चों की पहचान
बच्चों की पहचान दीपक (5 वर्ष) और लक्ष्मी (7 वर्ष) के रूप में हुई है। दोनों शुक्रवार दोपहर लगभग साढ़े 12 बजे मोहल्ले में ही एक शिक्षक के पास ट्यूशन पढ़ने गए थे। देर शाम तक घर वापस नहीं लौटे।
परिवार के आरोप
मां ने शिक्षक पर ही बच्चों को जानबूझकर मारने का आरोप लगाया है। परिवार का आरोप है कि शिक्षक शवों को ठिकाने लगाना चाहती थी, इसलिए शरीर कार में रखे गए थे।