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कार्यस्थल पर दिल का दौरा, मदद की बजाय बॉस फोन पर व्यस्त, मौत

स्टेट डेस्क, मुस्कान कुमारी |

वायरल सीसीटीवी फुटेज ने खड़े किए जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के सवाल, सहकर्मियों ने मदद की कोशिश की लेकिन बॉस ने नहीं उठाया कोई कदम

मध्य प्रदेश: एक दुखद घटना में, मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले में एक दुकान के कर्मचारी की कार्यस्थल पर ही दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। इस दौरान उनका बॉस पास ही कुर्सी पर बैठा फोन चलाता रहा और कोई मदद नहीं की। घटना का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जो कार्यस्थलों पर मानवीय संवेदनशीलता की कमी को उजागर कर रहा है।

यह घटना शुक्रवार को आगर मालवा की एक दुकान में हुई, जहां कर्मचारी सामान्य रूप से काम कर रहा था। अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी और वह अपनी कुर्सी पर बैठ गया। कुछ ही पलों में उसका शरीर अकड़ने लगा, वह दर्द से तड़पने लगा और हाथ-पैर पटकने लगा। उसकी हालत देखकर साफ था कि उसे तत्काल चिकित्सकीय मदद की जरूरत है, लेकिन बॉस ने कोई ध्यान नहीं दिया।

घटना की भयावह तस्वीर: छह मिनट तक तड़पता रहा कर्मचारी

सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि कर्मचारी दर्द से कराह रहा था। वह कुर्सी पर बैठे-बैठे अपने हाथ-पैर हिला रहा था, जैसे किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहा हो। इस दौरान उसके सहकर्मी दौड़कर आए, उसे पानी पिलाने की कोशिश की और सांत्वना देने लगे। वे उसकी मदद के लिए सक्रिय दिखे, लेकिन बॉस अपनी जगह से नहीं हिला।

बॉस कुर्सी पर आराम से बैठा रहा और मोबाइल फोन पर व्यस्त रहा। उसने न तो उठकर कर्मचारी के पास जाने की कोशिश की, न फर्स्ट एड दिया और न ही एंबुलेंस बुलाई। फुटेज में वह शांत भाव से पूरी घटना देखता रहा। कर्मचारी करीब छह मिनट तक दर्द से तड़पता रहा और आखिरकार उसकी मौत हो गई। वीडियो में साफ दिखता है कि यह दिल का दौरा था, जिसके कारण उसकी जान चली गई।

यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। लोग इसे देखकर स्तब्ध हैं और कार्यस्थलों पर बॉस की जिम्मेदारी पर सवाल उठा रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, "यह कितनी अमानवीयता है? बॉस पास बैठा फोन चला रहा है और कर्मचारी मर रहा है।" दूसरों ने कहा कि ऐसे मामलों में तत्काल मदद न करना अपराध जैसा है।

कार्यस्थलों पर बढ़ते खतरे: दिल के दौरे की बढ़ती घटनाएं

हाल के वर्षों में कार्यस्थलों पर दिल के दौरे की घटनाएं बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि तनाव, लंबे काम के घंटे और स्वास्थ्य जांच की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में छोटी दुकानों और कार्यालयों में अक्सर फर्स्ट एड किट या आपातकालीन सुविधाएं नहीं होतीं। इस घटना ने इन मुद्दों को फिर से चर्चा में ला दिया है।

आगर मालवा जिले में यह दुकान एक व्यस्त इलाके में स्थित है, जहां कर्मचारी दिनभर काम करते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाएं दुर्लभ नहीं हैं, लेकिन इस बार वीडियो के कारण मामला सुर्खियों में आ गया। पुलिस ने अभी तक कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन सोशल मीडिया पर मांग उठ रही है कि बॉस के खिलाफ कार्रवाई हो।

सहकर्मियों की कोशिशें गईं बेकार

फुटेज में सहकर्मियों की सक्रियता साफ दिखती है। जैसे ही कर्मचारी की हालत बिगड़ी, वे दौड़े आए। एक ने पानी की बोतल पकड़ाई, दूसरे ने उसे सहारा देने की कोशिश की। लेकिन दिल का दौरा इतना गंभीर था कि बिना मेडिकल हेल्प के बचना मुश्किल था। अगर समय पर एंबुलेंस बुलाई जाती, शायद जान बच सकती थी।

बॉस की उदासीनता ने सबको हैरान कर दिया। वह कुछ फीट की दूरी पर बैठा था, फिर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। यह दृश्य कार्यस्थल पर बॉस-कर्मचारी संबंधों पर सवाल खड़े करता है। क्या काम की जगह पर इंसानियत से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ और है?

यह घटना युवाओं में दिल की बीमारियों के बढ़ते मामलों की याद दिलाती है। डॉक्टरों के अनुसार, 30-40 साल की उम्र में भी दिल के दौरे हो रहे हैं। वजहें कई हैं- असंतुलित आहार, व्यायाम की कमी और काम का बोझ। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में जागरूकता अभियान चलाए हैं, लेकिन ग्रामीण और छोटे शहरों में पहुंच सीमित है।

वीडियो की सच्चाई: क्या कहते हैं प्रत्यक्षदर्शी

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, घटना के बाद दुकान बंद कर दी गई। कर्मचारी का परिवार सदमे में है। उन्होंने बताया कि वह स्वस्थ था और कोई पुरानी बीमारी नहीं थी। अचानक हुआ यह हादसा सबके लिए चौंकाने वाला था। सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करने वालों ने इसे "कार्यस्थल की क्रूरता" करार दिया।

ऐसी घटनाओं से सबक लेने की जरूरत है। कार्यस्थलों पर फर्स्ट एड ट्रेनिंग, सीपीआर की जानकारी और आपातकालीन नंबरों की उपलब्धता अनिवार्य होनी चाहिए। लेकिन इस मामले में बॉस की लापरवाही ने सब कुछ बदल दिया।