
स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर |
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य का दौरा तेज कर दिया है। शुक्रवार को वे गया और बेगूसराय पहुंचे, जहां उन्होंने लगभग 13 हजार करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए के कई नेता भी मौजूद रहे।
हालांकि, पीएम मोदी के इस दौरे से पहले ही राज्य की राजनीति गरमा गई। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मोदी और नीतीश दोनों पर निशाना साधा। लालू यादव ने तंज कसते हुए कहा कि "पीएम मोदी गया जी इसलिए आ रहे हैं ताकि नीतीश कुमार की राजनीति और जेडीयू का पिंडदान कर सकें।" लालू ने इसे बिहार की जनता को गुमराह करने की कोशिश बताया।
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया के जरिए प्रधानमंत्री को घेरा। उन्होंने एक वीडियो और गीत पोस्ट कर पीएम पर "झूठे वादों और जुमलों की बारिश करने" का आरोप लगाया। तेजस्वी ने कहा कि "गया जी पिंडदान के लिए प्रसिद्ध है, और मोदी सरकार गरीबों-पिछड़ों को अधिकार से वंचित करने, बिहार को स्पेशल स्टेटस से वंचित करने और अपराध-भ्रष्टाचार से ग्रस्त करने वाली डबल इंजन सरकार का पिंडदान करने आए हैं।"
विश्लेषकों के अनुसार, बिहार की सियासत में लालू-तेजस्वी की यह रणनीति एनडीए को घेरने और विशेषकर नीतीश कुमार की बदलती राजनीतिक छवि पर सवाल उठाने की है। वहीं, बीजेपी और एनडीए इस दौरे को विकास के एजेंडे से जोड़कर पेश कर रहे हैं। चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी का बड़े पैमाने पर परियोजनाओं की घोषणा करना साफ तौर पर मतदाताओं को संदेश देने की कोशिश है कि केंद्र सरकार बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
कुल मिलाकर, गया दौरे ने बिहार की चुनावी राजनीति को और तेज कर दिया है। एक तरफ लालू-तेजस्वी सरकार पर हमलावर हैं, वहीं भाजपा-एनडीए विकास के मुद्दे को हथियार बना रहे हैं। यह टकराव आने वाले चुनावी माहौल को और अधिक गरमाने वाला है