
स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर |
गुजरात की राजनीति में हलचल मचाते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) के बोटाद से विधायक उमेश मकवाना ने गुरुवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। कुछ ही घंटों बाद पार्टी ने उन्हें पांच साल के लिए निलंबित कर दिया। मकवाना ने आरोप लगाया कि पार्टी पिछड़े वर्गों के मुद्दों को गंभीरता से नहीं ले रही है।
गुजरात में बोटाद सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक उमेश मकवाना ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ नाराजगी जताते हुए सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी अब डॉ. बी. आर. आंबेडकर के सिद्धांतों से भटक चुकी है और सामाजिक न्याय के मूल मुद्दों से दूरी बना रही है। इस्तीफे के कुछ ही देर बाद पार्टी ने उन्हें पार्टी विरोधी और गुजरात विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए पांच साल के लिए निलंबित कर दिया।
मकवाना ने गांधीनगर में प्रेस वार्ता के दौरान कहा, "मैंने 20 वर्षों तक भाजपा में कार्य किया और बाद में आम आदमी पार्टी में शामिल हुआ, जब गुजरात में पार्टी की कोई पहचान भी नहीं थी। मैंने उम्मीद की थी कि यह पार्टी वंचित वर्गों की आवाज बनेगी, लेकिन अब ऐसा नहीं लग रहा।"
उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और विधानसभा में सचेतक के पद से भी इस्तीफा दे दिया। कोली (ओबीसी) समुदाय से आने वाले मकवाना ने कहा कि फिलहाल वे एक साधारण कार्यकर्ता के तौर पर समाज सेवा जारी रखेंगे और क्षेत्र के लोगों से चर्चा कर आगे की रणनीति तय करेंगे।
मकवाना ने यह भी कहा कि वह विधायक पद से इस्तीफे पर विचार कर रहे हैं, लेकिन अंतिम निर्णय वे जनता से सलाह-मशविरा कर ही लेंगे। साथ ही उन्होंने इशारा किया कि वे कुछ नेताओं से मिलकर नई पार्टी बनाने पर भी विचार कर सकते हैं।