
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
अमेरिका और चीन के बीच एक बार फिर व्यापार युद्ध भड़कने के संकेत मिल रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आने वाले सभी आयातित सामानों पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि चीन की अनुचित व्यापार नीतियां, रेयर अर्थ निर्यात पर नियंत्रण और अमेरिकी बाजार में असंतुलन पैदा करने की कोशिशें अब और बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
ट्रंप ने शुक्रवार को दिए बयान में कहा कि यह कदम चीन के "आक्रामक आर्थिक रवैये" का जवाब है। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि वह इस महीने के अंत में होने वाले एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात रद्द कर सकते हैं। यह बैठक दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक अहम कूटनीतिक अवसर मानी जा रही थी, लेकिन ट्रंप के बयान से संकेत मिलते हैं कि अब यह मुलाकात संभव नहीं है।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, "यह विश्वास करना मुश्किल है कि चीन ने ऐसा कदम उठाया होगा, लेकिन उन्होंने उठाया है; और अब बाकी सब इतिहास है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिका 1 नवंबर से चीन पर यह नया टैरिफ लागू करेगा। साथ ही उन्होंने चीन को चेतावनी दी कि अगर उसने "वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला" को अपने कब्जे में रखने की कोशिश की, तो अमेरिका उसके खिलाफ और कठोर कदम उठाएगा।
वर्तमान में चीन से आने वाले सामानों पर अमेरिका की ओर से 30 प्रतिशत टैरिफ लागू है। ट्रंप प्रशासन ने इसे पहले फेंटेनाइल जैसे मादक पदार्थों के अवैध व्यापार में चीन की भूमिका और अनुचित व्यापारिक प्रथाओं को रोकने के लिए लगाया था। अब ट्रंप ने इसे 100 प्रतिशत तक बढ़ाने की घोषणा की है, जबकि चीन की ओर से जवाबी टैरिफ 10 प्रतिशत पर बनाए रखे गए हैं।
रेयर अर्थ पर विवाद ने बढ़ाया तनाव
इस तनाव की जड़ में रेयर अर्थ एक्सपोर्ट पर चीन का नियंत्रण है। रेयर अर्थ ऐसे दुर्लभ तत्व हैं जो स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक वाहन, सैन्य उपकरणों और सौर तकनीक जैसी चीजों के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। चीन वर्तमान में इन सामग्रियों के उत्पादन और प्रोसेसिंग पर लगभग 70 प्रतिशत नियंत्रण रखता है। हाल ही में चीन ने कई देशों को पत्र भेजकर रेयर अर्थ निर्यात पर सीमाएं लगाने की बात कही थी, जिससे वैश्विक बाजारों में चिंता बढ़ गई।
ट्रंप ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा,"चीन का यह रवैया बेहद शत्रुतापूर्ण है। उसे दुनिया को बंधक बनाने की अनुमति किसी भी सूरत में नहीं दी जा सकती।”
वैश्विक बाजार पर असर
ट्रंप के बयान के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई। नैस्डैक 3.6 प्रतिशत और एसएंडपी 500 2.7 प्रतिशत तक नीचे आ गया। निवेशकों को डर है कि अगर अमेरिका और चीन के बीच यह नया ट्रेड वॉर शुरू हुआ, तो इसका असर न केवल दोनों देशों पर बल्कि पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
राजनीतिक और आर्थिक सन्देश
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का यह कदम राजनीतिक रूप से भी अहम है। जनवरी 2025 में सत्ता में लौटने के बाद ट्रंप ने लगातार "अमेरिका फर्स्ट" नीति पर जोर दिया है। यह नया टैरिफ उसी नीति की अगली कड़ी माना जा रहा है। ट्रंप का कहना है कि अमेरिका अब अपने उद्योगों और श्रमिकों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों के अनुसार, अगर यह टैरिफ वास्तव में लागू हुआ, तो वैश्विक सप्लाई चेन पर गहरा प्रभाव पड़ेगा, उत्पादन लागत बढ़ेगी और कई देशों में महंगाई बढ़ सकती है।
ट्रंप का यह निर्णय न केवल चीन के लिए एक बड़ी आर्थिक चुनौती है बल्कि यह संकेत भी देता है कि अमेरिका आने वाले महीनों में चीन की आर्थिक नीतियों के खिलाफ एक आक्रामक रुख अपनाने जा रहा है। इससे वैश्विक व्यापार व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।