
स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर |
कर्नाटक की सियासत एक बार फिर सत्ता साझेदारी के मुद्दे पर गरमा गई है। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच सत्ता संतुलन को लेकर चल रही अंदरूनी खींचतान अब सार्वजनिक बयानों में झलकने लगी है। दिल्ली में आयोजित कांग्रेस के एक कार्यक्रम में शिवकुमार ने गांधी परिवार की प्रशंसा करते हुए तीखी टिप्पणी की, जिससे स्पष्ट संकेत मिले कि उनके और सिद्धारमैया के बीच सबकुछ ठीक नहीं है।
दिल्ली में आयोजित "संवैधानिक चुनौतियाँ" विषयक सम्मेलन में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कांग्रेस और गांधी परिवार की भूमिका को लेकर कई बड़ी बातें कहीं। उन्होंने कांग्रेस को देश को जोड़ने वाली पार्टी बताया और कहा कि गांधी परिवार की वजह से ही पार्टी एकजुट है। शिवकुमार ने यह भी दावा किया कि भारत जोड़ो यात्रा और पार्टी नेतृत्व के समर्पण ने ही कांग्रेस को नई दिशा दी है।
उन्होंने तिहाड़ जेल के दिनों को याद करते हुए सोनिया गांधी का आभार जताया कि वह जेल में उनसे मिलने आई थीं और उनकी कानूनी मदद की थी। साथ ही उन्होंने 2029 में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की भविष्यवाणी करते हुए कहा कि अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ संघर्ष करना होगा।
हालांकि, सबसे अहम बात उन्होंने बिना सिद्धारमैया का नाम लिए कही। शिवकुमार ने कहा, "कुछ लोग सत्ता साझा करने को तैयार नहीं होते। लोकतंत्र में ऐसा त्याग बहुत कम देखने को मिलता है।" इस बयान को सीधे तौर पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर निशाना माना जा रहा है, जिन्होंने हाल में कहा था कि राज्य में कोई सत्ता साझा करने का समझौता नहीं हुआ है और वह पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
यह बयानबाजी बताती है कि कर्नाटक में कांग्रेस के दो बड़े नेताओं के बीच मतभेद अब भी बरकरार हैं। हालाँकि शिवकुमार ने सार्वजनिक तौर पर नाम नहीं लिया, लेकिन गांधी परिवार की तारीफ और "त्याग" की मिसाल देते हुए उन्होंने सत्ता के लिए चल रही अंदरूनी रस्साकशी को जरूर उजागर कर दिया।