
स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर |
पटना के गांधी मैदान में 'वक्फ बचाओ, दस्तूर बचाओ' रैली के दौरान विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि "यह देश किसी के बाप का नहीं है", और बिल को मुस्लिम समाज के अधिकारों पर हमला करार दिया। इस बयान के बाद केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी तेजस्वी पर पलटवार करते हुए गंभीर आरोप लगाए।
पटना में आयोजित 'वक्फ बचाओ, दस्तूर बचाओ' रैली में तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर वक्फ संपत्तियों को लेकर साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने मंच से गरजते हुए कहा कि देश की आज़ादी की लड़ाई में सभी धर्मों—हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई—ने योगदान दिया है, इसलिए यह देश किसी एक का नहीं, हम सबका है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि नए वक्फ संशोधन बिल के जरिए अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर मुसलमानों की जमीनों और अधिकारों पर हमला किया जा रहा है। उन्होंने इसे सामाजिक न्याय और संविधान पर सीधा आघात बताया और कहा कि अगर बिहार में उनकी सरकार बनती है तो वे इस बिल को "कूड़ेदान में फेंक देंगे"।
विपक्ष के इस हमले के बाद केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी पलटवार करते हुए तेजस्वी पर सियासी लाभ के लिए मुस्लिम समाज को बरगलाने का आरोप लगाया। मांझी ने कहा कि वक्फ की सबसे अधिक जमीनों पर अवैध कब्जा उन्हीं की पार्टी से जुड़े लोगों ने किया हुआ है। उन्होंने तेजस्वी पर चुनावी मंच को राजनीतिक मंच बना देने का आरोप भी लगाया।
इस मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है। एक ओर तेजस्वी इसे संविधान और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सवाल बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मांझी इसे सिर्फ एक राजनीतिक चाल कह रहे हैं।
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र वक्फ बिल पर उठ रही यह बहस, राज्य की सियासत में नया मोड़ ला सकती है। फिलहाल, वक्फ संपत्ति और अल्पसंख्यक अधिकारों को लेकर राज्य में राजनीतिक माहौल गर्म है।