
नेशनल डेस्क, श्रेयांश पराशर |
सागर धनखड़ हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने सुषील कुमार की जमानत रद्द की, एक हफ्ते में आत्मसमर्पण का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ओलंपिक पदक विजेता और पूर्व राष्ट्रीय पहलवान सुषील कुमार की जमानत रद्द कर दी है। सागर धनखड़ हत्याकांड मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए उन्हें एक हफ्ते के भीतर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में पूर्व जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियन सागर धनखड़ की हत्या के मामले में आरोपी ओलंपिक पदक विजेता सुषील कुमार की जमानत रद्द कर दी। यह फैसला न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने सुनाया। अदालत ने 4 मार्च को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत को रद्द करते हुए सुषील कुमार को एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने सुषील कुमार को इस मामले में जमानत दी थी, जिसे अब सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि हत्या जैसे गंभीर मामले में आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती, खासकर तब जब सबूत और परिस्थितियां उसे अपराध से जोड़ती हों।
मामला मई 2021 का है, जब दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में हुई मारपीट में पहलवान सागर धनखड़ गंभीर रूप से घायल हो गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई थी। पुलिस जांच में इस घटना में सुषील कुमार की कथित संलिप्तता सामने आई थी। इसके बाद उन पर हत्या, अपहरण और आपराधिक साजिश सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।
शिकायतकर्ता की वकील जोशीनी तुली ने कोर्ट में दलील दी कि सुषील कुमार को दी गई जमानत एक "त्रुटिपूर्ण आदेश" थी, जिसे रद्द किया जाना आवश्यक है। उनका कहना था कि ऐसे गंभीर अपराध में जमानत से गवाहों पर दबाव डालने या सबूतों से छेड़छाड़ की संभावना बढ़ जाती है। सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को स्वीकार करते हुए जमानत रद्द कर दी।
अदालत ने स्पष्ट किया कि सुषील कुमार को अब एक सप्ताह के भीतर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा। यदि वह ऐसा नहीं करते, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई तेज की जाएगी। इस फैसले के बाद सागर धनखड़ के परिजनों और खेल जगत के कई लोगों ने न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास जताया है और उम्मीद की है कि इस मामले में जल्द न्याय मिलेगा।