
नेशनल डेस्क, नीतीश कुमार ।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने श्रमिकों को सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने और उनके व्यावसायिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य की रक्षा के उद्देश्य से श्रम शक्ति नीति 2025 का प्रस्ताव तैयार किया है। यह नीति महिलाओं और युवाओं के सशक्तिकरण के साथ एक निष्पक्ष, समावेशी और भविष्य उन्मुख श्रम पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करने पर केंद्रित होगी। मंत्रालय एक रोजगार सुविधा प्रदाता के रूप में कार्य करेगा और श्रमिकों, प्रशिक्षण संस्थानों व नियोक्ताओं के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करेगा। मसौदे के अनुसार, नीति तीन चरणों में लागू की जाएगी।
साथ ही, श्रम मंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय श्रम रोजगार नीति कार्यान्वयन परिषद (NLEPIC) नामक एक अंतर-मंत्रालयी निकाय गठित किया जाएगा, जो तीनों चरणों की प्रगति और निर्धारित लक्ष्यों की निगरानी करेगा।
नीति के प्रमुख बिंदुओं में सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा खाता बनाना और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, ई-श्रम और राज्य कल्याण बोर्डों के लाभों का एकीकरण शामिल है। इसके अलावा, राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और स्किल इंडिया को एक संयुक्त कौशल-रोजगार कार्यक्रम में जोड़ा जाएगा।
सरकार इस नीति के तहत स्व-प्रमाणन, सरल एमएसएमई रिटर्न और एकल-खिड़की डिजिटल अनुपालन प्रणाली को प्रोत्साहित करेगी। इसके साथ ही, हरित रोजगार को बढ़ावा देने और पारदर्शी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय श्रम डेटा संरचना विकसित की जाएगी।
मंत्रालय ने इस मसौदा नीति पर सुझाव और प्रतिक्रियाएं मांगी हैं, जिन्हें कैबिनेट के अनुमोदन से पहले शामिल किया जाएगा। सरकार का मानना है कि भारत का श्रम बाजार अब डिजिटलीकरण और हरित परिवर्तन से प्रभावित संरचनात्मक बदलावों के दौर से गुजर रहा है, जिसे सामाजिक सुरक्षा, कौशल विकास और तकनीकी शासन को एकीकृत ढांचे में लाकर मजबूत किया जाएगा।
तीन चरणों के कार्यान्वयन में पहला चरण वित्तीय वर्ष 2027 तक संस्थागत व्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा एकीकरण पर केंद्रित रहेगा। दूसरा चरण 2027 से 2030 तक चलेगा, जिसमें सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा खाते, जिला स्तर के रोजगार सुविधा केंद्रों और कौशल-ऋण प्रणाली का क्रियान्वयन होगा। तीसरे चरण में सभी पहलों का समेकन किया जाएगा।
सरकार इस नीति के तहत राष्ट्रीय करियर सेवा पोर्टल को भारत के रोजगार क्षेत्र के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है, जो नौकरी मिलान, प्रमाणपत्र सत्यापन और कौशल संरेखण के लिए तकनीकी आधार प्रदान करेगा।