
स्टेट डेस्क, वेरोनिका राय |
नासिक (महाराष्ट्र): महाराष्ट्र के नासिक से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। यहां एक बेटे ने सिर्फ “बोरियत” (Boredom) की वजह से अपनी 80 वर्षीय मां की बेरहमी से हत्या कर दी। इस सनसनीखेज वारदात के बाद आरोपी बेटा खुद थाने पहुंचा और मां की हत्या की बात कबूल कर ली।
घटना नासिक शहर के जेल रोड स्थित शिवाजी नगर इलाके की है। पुलिस के अनुसार, आरोपी का नाम अरविंद मुरलीधर पाटिल (58 वर्ष) है, जिसे इलाके में बालू पाटिल के नाम से जाना जाता है। वह अपनी बुजुर्ग मां यशोदाबाई मुरलीधर पाटिल (80 वर्ष) के साथ घर पर रहता था। मंगलवार की रात यह दोनों घर में अकेले थे।
पड़ोसियों के मुताबिक, घर से किसी तरह की बहस या झगड़े की आवाज नहीं आई। सब कुछ सामान्य लग रहा था। लेकिन देर रात अचानक सब कुछ बदल गया। अरविंद ने अपनी मां का गला दबाकर उनकी हत्या कर दी। हत्या के बाद उसने न किसी को फोन किया, न घर से भागा — बल्कि खुद नासिक रोड पुलिस स्टेशन जाकर बोला, “मैंने अपनी मां की हत्या कर दी है, क्योंकि मैं बोर हो गया था।”
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जब आरोपी थाने पहुंचा तो उसकी बात सुनकर अधिकारी भी दंग रह गए। पहले तो उन्हें लगा कि वह मानसिक रूप से अस्थिर है, लेकिन पूछताछ के बाद उसने बार-बार यही कहा कि उसे “बोरियत” महसूस हो रही थी, इसलिए उसने यह कदम उठाया।
थाना प्रभारी संजय देशमुख ने बताया कि पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची। घर में प्रवेश करते ही यशोदाबाई पाटिल का शव फर्श पर पड़ा मिला। प्रारंभिक जांच में पता चला कि उनकी गला घोंटकर हत्या की गई थी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आरोपी को हिरासत में लेकर हत्या (IPC की धारा 302) के तहत केस दर्ज किया गया है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि यशोदाबाई बहुत ही शांत और धार्मिक स्वभाव की महिला थीं। वह रोज मंदिर जाती थीं और मोहल्ले में सभी से सौहार्दपूर्वक व्यवहार रखती थीं। वहीं, बेटा अरविंद पिछले कुछ सालों से बेरोजगार था और अक्सर घर में अकेला रहता था। पड़ोसियों ने यह भी बताया कि वह कुछ समय से मानसिक रूप से परेशान दिखाई दे रहा था।
पुलिस अब यह जांच कर रही है कि हत्या के पीछे सिर्फ बोरियत का कारण था या फिर मानसिक अस्थिरता या किसी अन्य वजह से उसने यह कदम उठाया। आरोपी की मानसिक स्थिति का चिकित्सकीय परीक्षण भी कराया जाएगा।
इस घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। लोग यकीन नहीं कर पा रहे कि एक बेटा सिर्फ “बोर” होने की वजह से अपनी मां की जान ले सकता है। पुलिस का कहना है कि यह मामला सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि समाज के बदलते मानसिक स्वरूप और संवेदनहीनता की एक खतरनाक तस्वीर है।
नासिक की यह वारदात इस बात की याद दिलाती है कि समाज में बढ़ती अकेलापन और मानसिक अस्थिरता किस हद तक भयावह रूप ले सकती है। एक बेटा जिसने अपनी मां की देखभाल करनी थी, वही उसकी मौत का कारण बन गया — और वजह थी “बोरियत”, जो अब इंसानियत के लिए सबसे बड़ा खतरा बनती जा रही है।