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नेपाल आधिकारिक तौर पर ‘इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस’ का सदस्य बना

विदेश डेस्क, ऋषि राज |

नेपाल ने संरक्षण और पर्यावरणीय सहयोग की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए आधिकारिक तौर पर ‘इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस’(आईबीसीए) की सदस्यता ग्रहण कर ली है। यह घोषणा इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) की ओर से शनिवार को की गई। इसके साथ ही नेपाल उन देशों की सूची में शामिल हो गया है जो बड़े बिल्लियों (टाइगर, लायन, लेपर्ड, चीता आदि) के संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवास की सुरक्षा के लिए मिलकर कार्य करेंगे।

आईबीसीए ने एक बयान में कहा कि नेपाल ने संगठन से जुड़े मसौदा समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और इसी के साथ उसने औपचारिक रूप से इसमें सदस्यता हासिल कर ली है। इस कदम को दक्षिण एशिया में वन्यजीव संरक्षण और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

‘इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस’ की स्थापना भारत की पहल पर की गई थी, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में बड़ी बिल्लियों की प्रजातियों को संरक्षित करना है। भारत लंबे समय से बाघ संरक्षण अभियान और अन्य वन्यजीव संरक्षण कार्यक्रमों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। अब नेपाल की भागीदारी से इस प्रयास को और बल मिलेगा क्योंकि नेपाल में भी बाघ और अन्य बड़ी बिल्लियों की महत्वपूर्ण आबादी पाई जाती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल के इस कदम से सीमा पार वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। भारत और नेपाल पहले से ही ट्रांस-बाउंड्री टाइगर कंजर्वेशन प्रोग्राम्स में सहयोग करते आए हैं। अब आईबीसीए की सदस्यता मिलने के बाद यह सहयोग और अधिक संगठित और प्रभावी रूप से किया जा सकेगा।

नेपाल सरकार ने कहा है कि वह वन्यजीवों की सुरक्षा, उनके प्राकृतिक आवास के संरक्षण और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए ठोस कदम उठाने को लेकर प्रतिबद्ध है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अन्य सदस्य देशों के साथ मिलकर जलवायु परिवर्तन, अवैध शिकार और तस्करी जैसी चुनौतियों से निपटने की दिशा में भी कार्य करेगा।

इस तरह नेपाल का आईबीसीए में शामिल होना न केवल उसके पर्यावरण संरक्षण के संकल्प को दर्शाता है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर जैव विविधता की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान भी है।