Ad Image
PM मोदी ने त्रिनिदाद के पीएम कमला बिसेसर को भेंट की राममंदिर की प्रतिकृति || दिल्ली: आज से RSS के प्रांत प्रचारकों की बैठक, 6 जुलाई को होगी समाप्त || सहरसा: जिला मत्स्य पदाधिकारी को 40 हजार घूस लेते निगरानी ने किया गिरफ्तार || विकासशील देशों को साथ लिए बिना दुनिया की प्रगति नहीं होगी: PM मोदी || संवैधानिक संस्थाओं का इस्तेमाल कर चुनाव जीतना चाहती भाजपा: पशुपति पारस || मधुबनी: रहिका के अंचलाधिकारी और प्रधान सहायक घूस लेते गिरफ्तार || बिहार: BSF की सपना कुमारी ने विश्व पुलिस गेम्स में जीते 3 पदक || PM मोदी को मिला घाना का राष्ट्रीय सम्मान, राष्ट्रपति जॉन महामा ने किया सम्मानित || एक लाख करोड़ वाली आर डी आई योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी || तेलंगाना : केमिकल फैक्ट्री में धमाका, 8 की मौत और 20 से अधिक घायल

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

पूर्वी चंपारण की जीवनरेखा पर संकट: रेड क्रॉस की हालत बदहाल, राजनीति और भ्रष्टाचार ने छीनी सांसें

रिपोर्ट: एन.के. सिंह

मोतिहारी: कभी पूर्वी चंपारण की स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ रही मोतिहारी रेड क्रॉस सोसाइटी अब वेंटिलेटर पर अंतिम सांसें गिन रही है। 60 लाख की आबादी वाले जिले में यह संस्था अब बदहाली का शिकार है, जहाँ कभी 1000 यूनिट तक रक्त भंडारण होता था, अब वह घटकर 100-150 यूनिट तक सीमित रह गया है।

राजनीतिक हस्तक्षेप ने की बर्बादी की नींव

पिछले 45 वर्षों से संस्था में राजनीतिक दखलंदाजी और कानूनी उलझनों के चलते निर्वाचित समिति को भंग कर दिया गया। रेड क्रॉस से जुड़े वरिष्ठ सदस्य चंद्रभूषण पांडेय ने आरोप लगाया कि राजनीतिक स्वार्थों के कारण संस्था की स्वायत्तता छीनी गई और अब यह संस्था अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।

रक्त की कमी और बढ़ता ‘ब्लड मार्केट’

जिले में रोजाना 400 यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है, जिसमें से अकेले मोतिहारी में 200 यूनिट की मांग रहती है। लेकिन सरकारी अस्पतालों और रेड क्रॉस की सीमित क्षमता के कारण अब लोग नशेड़ियों और अनाधिकृत लोगों से रक्त खरीदने को मजबूर हैं, जिसकी गुणवत्ता और विश्वसनीयता संदेह के घेरे में है।

बर्बाद हुईं वैनिटी वैन, ‘सर्विस चार्ज’ की लूट

करीब 50 लाख की लागत से खरीदी गई दो वैनिटी वैन अब खटारा हो चुकी हैं। वहीं रक्तदान या आवश्यकता की स्थिति में लोगों से 900 से 1400 रुपये तक की अवैध वसूली की जा रही है, जो भारत सरकार की नीति का खुला उल्लंघन है।

सरकारी उदासीनता: 200+ हेल्थ सेंटर, लेकिन रक्त नहीं

जिले में सरकार ने 200 से अधिक स्वास्थ्य केंद्र तो खोल दिए हैं, लेकिन एक भी ऐसा केंद्र नहीं, जहाँ 10 यूनिट रक्त भी उपलब्ध हो। इस हालत में कोई बड़ा हादसा या महामारी आने पर जिले में स्वास्थ्य आपातकाल तय है।

अब मोतिहारी पूछ रहा है: क्या कोई सुन रहा है?

यह हालात किसी संस्था के बंद होने की नहीं, बल्कि 60 लाख लोगों की जिंदगियों पर मंडराते खतरे की चेतावनी है। यदि तत्काल उच्च स्तरीय हस्तक्षेप और ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो यह संकट एक बड़े जन स्वास्थ्य आपदा का रूप ले सकता है।

अब वक्त है कि सरकार और प्रशासन जागे – इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।