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प्रयागराज में भीम आर्मी का बवाल: 3 हजार कार्यकर्ताओं ने की तोड़फोड़, कई घायल

स्टेट डेस्क, वेरोनिका राय |

प्रयागराज के करछना क्षेत्र में रविवार को भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल किया। पार्टी अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आज़ाद रावण को इसौटा गांव जाने से रोके जाने के बाद करीब 3,000 कार्यकर्ता उग्र हो गए। पुलिस और पब्लिक पर पथराव किया गया, आधा दर्जन से ज्यादा बसों, पुलिस की चार गाड़ियों समेत कई निजी वाहनों में तोड़फोड़ की गई। इस घटना में कई लोग घायल हुए हैं।

प्रकरण की शुरुआत इसौटा गांव निवासी देवीशंकर की मौत से हुई, जो 13 अप्रैल को संदिग्ध हालात में जलकर झुलस गया था। परिवार ने हत्या का आरोप लगाया था। प्रशासन ने मुआवजे और जमीन का पट्टा देने का आश्वासन दिया था, लेकिन स्थानीय भीम आर्मी नेताओं का कहना है कि पीड़ित परिवार को कोई सहायता नहीं मिली।

यह मामला चंद्रशेखर रावण तक पहुंचा, जिसके बाद उन्होंने रविवार को देवीशंकर के परिजनों से मिलने का निर्णय लिया। दोपहर में वह प्रयागराज के सर्किट हाउस पहुंचे, लेकिन पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर उन्हें इसौटा गांव जाने से रोक दिया।

चंद्रशेखर के रोके जाने की खबर जैसे ही इसौटा और भड़ेवरा बाजार में मौजूद कार्यकर्ताओं तक पहुंची, वे उग्र हो गए। कार्यकर्ताओं ने पहले बाजार में दुकानों और वाहनों में तोड़फोड़ शुरू की और राहगीरों से मारपीट की। पुलिस पर भी पथराव किया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए आसपास के कई थानों की पुलिस और पीएसी को मौके पर भेजा गया।

भीम आर्मी कार्यकर्ताओं की हिंसा बढ़ती देख स्थानीय ग्रामीण भी पुलिस के पक्ष में आ गए और जवाबी पत्थरबाजी शुरू कर दी। कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने में जुट गए। देर शाम तक काफी हद तक हालात पर काबू पा लिया गया। कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने मौके से गिरफ्तार किया है।

घटना के बाद करछना, भड़ेवरा बाजार और इसौटा गांव में तनाव बना हुआ है। सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस बल और पीएसी की तैनाती की गई है। प्रशासन ने हिंसा की जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है।

भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं की यह हिंसक प्रतिक्रिया न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बनी, बल्कि आम जनता को भी भयभीत कर गई। चंद्रशेखर को रोके जाने के प्रशासनिक फैसले ने व्यापक जन प्रतिक्रिया को जन्म दिया, जिसे काबू करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। मामले में अब तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और पूछताछ जारी है।