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बांग्लादेश में दीपू दास की नृशंस हत्या पर भड़कीं रवीना टंडन

नेशनल डेस्क, श्रेया पांडेय                                                                                                                  

नई दिल्ली/ढाका: बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। हाल ही में गाजीपुर इलाके में दीपू चंद्र दास नामक एक हिंदू युवक की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर और फिर जिंदा जलाकर की गई हत्या ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। इस जघन्य अपराध पर बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।

बांग्लादेश के गाजीपुर में 30 वर्षीय दीपू दास पर ईश-निंदा (Blasphemy) का झूठा आरोप लगाकर उग्र भीड़ ने उसे निशाना बनाया। चश्मदीदों और रिपोर्ट्स के मुताबिक, भीड़ ने पहले दीपू को बेरहमी से पीटा, उसे नग्न किया और फिर एक पेड़ से बांधकर जिंदा जला दिया। विचलित करने वाली बात यह है कि इस पूरी घटना के कुछ वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें पुलिस की मौजूदगी के बावजूद भीड़ बेकाबू नजर आ रही है। स्थानीय प्रशासन ने बाद में स्पष्ट किया कि दीपू के खिलाफ ईश-निंदा का कोई ठोस सबूत नहीं मिला था।

मानवीय संवेदनाओं और सामाजिक मुद्दों पर बेबाकी से राय रखने वाली अभिनेत्री रवीना टंडन ने इस घटना पर गहरा दुख और आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि जिस तरह से एक बेगुनाह को मौत के घाट उतारा गया, वह मानवता पर कलंक है।

रवीना ने एक कड़ा कटाक्ष करते हुए लिखा कि, "सबसे दुखद बात यह है कि समाज में कुछ ऐसे लोग भी होंगे जो इस जघन्य हत्या को किसी न किसी तर्क के साथ 'जस्टिफाई' (जायज ठहराना) करने की कोशिश करेंगे।" उनका इशारा उन बुद्धिजीवियों और कट्टरपंथियों की ओर था जो अक्सर इस तरह की हिंसा के पीछे कोई न कोई कारण ढूंढ लेते हैं या चुप्पी साधे रहते हैं।

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बनाए जाने की खबरें आ रही हैं। दीपू दास की हत्या ने एक बार फिर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सुरक्षा दावों की पोल खोल दी है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने भी इस घटना की निंदा की है। भारत में भी इस घटना को लेकर काफी आक्रोश है और लोग सोशल मीडिया पर दीपू दास के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।