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बिहार बदलेगा, युवाओं के दम पर IPS विकास वैभव का 2028 तक हर ज़िले में 5 स्टार्टअप का लक्ष्य

स्टेट डेस्क, एन. के. सिंह ।

जातिवाद की दीवार तोड़कर ही आएगा बदलाव, विशेष बल दिया कि बिहार को सिर्फ़ राजनीतिक पार्टियों के प्रयासों से बदलना संभव नहीं: IPS विकास वैभव

पूर्वी चंपारण: जातिवाद की दीवार तोड़कर ही आएगा बदलाव आईपीएस विकास वैभव ने इस बात पर विशेष बल दिया कि बिहार को सिर्फ़ राजनीतिक पार्टियों के प्रयासों से बदलना संभव नहीं बिहार में बदलाव की बयार लाने के लिए आईपीएस अधिकारी और 'लेट्स इंस्पायर बिहार' संगठन के संस्थापक विकास वैभव ने एक बड़ा बीड़ा उठाया है। आज मोतिहारी में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, विकास वैभव ने युवाओं को सशक्त बनाने और राज्य में सकारात्मक बदलाव लाने पर ज़ोर दिया। उनका स्पष्ट लक्ष्य है कि वर्ष 2028 तक बिहार के सभी ज़िलों में कम से कम पाँच-पाँच स्टार्टअप स्थापित किए जाएं।

हर ज़िले में 100 रोज़गार का वादा:

विकास वैभव का मानना है कि इन स्टार्टअप्स के ज़रिए हर ज़िले में कम से कम 100-100 लोगों को रोज़गार के अवसर मिलेंगे। यह पहल बिहार को आत्मनिर्भर बनाने और युवाओं को उद्यमिता से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनका सपना है कि बिहार अब केवल सरकारी नौकरियों या पलायन पर निर्भर न रहे, बल्कि अपने दम पर विकास करे।

जातिवाद की दीवार तोड़कर ही आएगा बदलाव:

आईपीएस विकास वैभव ने इस बात पर विशेष बल दिया कि बिहार को सिर्फ़ राजनीतिक पार्टियों के प्रयासों से बदलना संभव नहीं है, क्योंकि यहाँ जातिवाद एक बहुत बड़ा कारक है। उन्होंने मौजूदा चुनावी मानसिकता पर खुलकर बात की। विकास वैभव ने कहा, "चुनाव के समय यहाँ के लोगों को दो विकल्प दिए जाते हैं – एक सुयोग्य प्रत्याशी जो बिहार को बदल सकता है, और दूसरा एक भ्रष्ट अपराधी प्रत्याशी जो उसकी अपनी जाति का है। ऐसी स्थिति में वोटर अपनी जाति के प्रत्याशी को ही वोट देगा।"

उन्होंने इस सोच को बदलने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया, ताकि बिहार सही मायनों में प्रगति कर सके। उनका यह प्रयास सिर्फ़ आर्थिक बदलाव नहीं, बल्कि सामाजिक सोच में क्रांति लाने का भी एक तरीक़ा है, जहाँ योग्यता और विकास को जाति से ऊपर रखा जाए।

'लेट्स इंस्पायर बिहार' की मुहिम

'लेट्स इंस्पायर बिहार' संगठन इसी सोच को आगे बढ़ा रहा है, जहाँ बिहार के युवाओं को न सिर्फ़ प्रेरित किया जा रहा है, बल्कि उन्हें अपने दम पर कुछ करने के लिए मंच और समर्थन भी दिया जा रहा है। विकास वैभव का यह दृष्टिकोण बिहार को नई दिशा देगा और युवाओं को अपने भविष्य का निर्माता बनने के लिए प्रेरित करेगा।