
स्टेट डेस्क, प्रीति पायल |
बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को गंभीर राजनीतिक नुकसान झेलना पड़ा है, जब नवादा जिले के दो प्रमुख विधायकों ने पार्टी और विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया।
रजौली विधानसभा सीट के विधायक प्रकाश वीर और नवादा सीट की विधायक विभा देवी ने 11-12 अक्टूबर 2025 की रात बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव को अपने इस्तीफे सौंपे। यह कदम आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले RJD के लिए एक बड़ा झटका है।
प्रकाश वीर ने 2015 में पहली बार RJD के टिकट पर रजौली (सुरक्षित) सीट जीती थी। 2020 के चुनाव में उन्होंने NDA प्रत्याशी को पराजित कर पुनः विजय हासिल की। रजौली में दलित, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय का मजबूत समर्थन RJD को प्राप्त था
पार्टी नेतृत्व, विशेषकर तेजस्वी यादव से प्रकाश वीर की लंबे समय से अनबन चल रही थी। अगस्त 2025 में नवादा में आयोजित तेजस्वी की रैली के दौरान कार्यकर्ताओं द्वारा "तेजस्वी भैया, प्रकाश वीर को हटाओ" के नारे लगाए गए थे। इस घटना से प्रकाश वीर को गहरा आघात पहुंचा था। उन्होंने बताया कि तेजस्वी ने उन्हें उस रैली में आमंत्रित नहीं किया था, जिससे उनके आत्म-सम्मान को ठेस पहुंची। उन्होंने स्पष्ट घोषणा की कि अब RJD में वापसी का कोई प्रश्न नहीं है।
विभा देवी ने 2020 में नवादा सीट पर 26,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। वे पूर्व RJD विधायक और श्रम राज्य मंत्री राजबल्लभ यादव की पत्नी हैं। 2024 लोकसभा चुनाव में RJD द्वारा श्रवण कुशवाहा को नवादा से टिकट देने और राजबल्लभ यादव के भाई विनोद यादव को टिकट न देने से परिवार में असंतोष बढ़ा था। इसके अतिरिक्त, तेजस्वी द्वारा JDU के पूर्व विधायक कौशल यादव और उनकी पत्नी पूर्णिमा को RJD में शामिल करना राजबल्लभ परिवार को स्वीकार्य नहीं था।
गया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंच पर दोनों विधायकों की उपस्थिति के बाद उनके BJP में शामिल होने की प्रबल संभावनाएं हैं। यह RJD के लिए चिंताजनक है क्योंकि नवादा और रजौली मगध क्षेत्र की महत्वपूर्ण सीटें हैं जहां पिछड़ा, दलित और मुस्लिम वोटबैंक निर्णायक भूमिका निभाता है।
यह RJD को लगा लगातार चौथा-छठा झटका है। इससे पहले संगीता कुमारी, भरत बिंद और चेतन आनंद जैसे विधायकों ने भी इस्तीफा दिया था। नवंबर-दिसंबर 2025 में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव से पहले यह स्थिति लालू-तेजस्वी के लिए चुनौतीपूर्ण है। दूसरी ओर, NDA की स्थिति मजबूत हो सकती है यदि ये दोनों विधायक BJP में शामिल होकर अपनी सीटों से पुनः चुनाव लड़ें।