मुस्कान कुमारी, स्टेट डेस्क
बेंगलुरु: कर्नाटक की राजधानी में हुई अब तक की सबसे सनसनीखेज कैश वैन लूट की गुत्थी पुलिस ने महज 50 घंटे में सुलझा ली। 7.11 करोड़ रुपये की लूट में से 5.7 करोड़ रुपये नकद बरामद कर लिए गए और तीन मुख्य आरोपी धर लिए गए। सबसे बड़ा झटका यह कि गिरफ्तार आरोपियों में बेंगलुरु पुलिस का एक मौजूदा कांस्टेबल भी शामिल है।
तीन महीने की प्लानिंग, CCTV से बचने के लिए चुने खास रास्ते
पुलिस की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि लूट की पूरी साजिश तीन महीने पहले ही रच ली गई थी। आरोपी गैंग ने कई बार रेकी की और जानबूझकर उन इलाकों का चुनाव किया जहां एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था। फर्जी नंबर प्लेट की गाड़ियां इस्तेमाल कीं, मोबाइल फोन बंद रखे और रास्ते में कई बार वाहन बदले ताकि कोई ट्रेस न कर सके।
गिरफ्तार तीन आरोपियों की पहचान:
- बेंगलुरु पुलिस कांस्टेबल अन्नप्पा नाइक
- कैश वैन फ्लीट इंचार्ज गोपाल प्रसाद
- कैश ट्रांसपोर्ट कंपनी CMS इंफो सिस्टम्स का पूर्व कर्मचारी जे. जेवियर
पुलिस ने पहले 30 लोगों को हिरासत में लिया था। कड़ी पूछताछ के बाद इन तीन को मुख्य साजिशकर्ता पाया गया। अभी कुछ और आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश के लिए 200 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की टीमें राज्य के अलग-अलग हिस्सों में छापे मार रही हैं।
19 नवंबर को कुछ मिनटों में कैसे हुई 7.11 करोड़ की लूट?
19 नवंबर को दोपहर के वक्त बदमाशों ने RBI अधिकारियों का भेष बनाया। जेपी नगर स्थित एक प्राइवेट बैंक से ATM भरने जा रही CMS इंफो सिस्टम्स की कैश वैन को रुकवाया और स्टाफ से कहा – “दस्तावेज वेरीफाई करने हैं।”
वैन के ड्राइवर और कस्टोडियन को अपनी गाड़ी में बिठाया, 7.11 करोड़ रुपये से भरे कैश बक्से भी साथ ले लिए। गाड़ी डेयरी सर्कल तक ले गए, वहां स्टाफ को सड़क पर छोड़कर पूरे पैसे लेकर फरार हो गए। पूरी वारदात दिनदहाड़े और महज कुछ मिनटों में अंजाम दी गई।
पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई, कमिश्नर ने दिया 5 लाख का इनाम
वारदात की सूचना मिलते ही बेंगलुरु पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी। CCTV की कमी, फर्जी नंबर प्लेट और मोबाइल बंद होने के बावजूद खुफिया और तकनीकी जानकारी के दम पर पुलिस ने आरोपियों के ठिकानों तक पहुंच बनाई।
बेंगलुरु सिटी पुलिस कमिश्नर सीमांत कुमार सिंह ने मामले को इतनी तेजी से सुलझाने वाली टीम को 5 लाख रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की। बरामद 5.7 करोड़ रुपये को आज पुलिस कमिश्नर कार्यालय लाया गया, जहां इसे गिना जा रहा है।
पुलिस कांस्टेबल की गिरफ्तारी से विभाग में खलबली
अन्नप्पा नाइक की गिरफ्तारी ने पूरे पुलिस महकमे को स्तब्ध कर दिया है। सवाल उठ रहे हैं कि जिस बल पर शहर की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, उसी का जवान इतनी बड़ी साजिश में कैसे शामिल हो गया? उसके खिलाफ तुरंत विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि उसने गैंग को कितनी गोपनीय जानकारी और मदद मुहैया कराई।
कर्नाटक के गृह मंत्री ने बताया कि लुटेरे बार-बार गाड़ियां बदलते रहे, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के आगे उनकी सारी चालें नाकाम हो गईं। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि बाकी बची रकम और फरार आरोपी भी जल्द ही सलाखों के पीछे होंगे।
शहर में हुई अब तक की सबसे बड़ी और सबसे साहसी कैश वैन लूट को रिकॉर्ड समय में सुलझाने पर बेंगलुरु पुलिस को हर तरफ से तारीफ मिल रही है।







