
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
भारत पर टैरिफ लगते ही , अमेरिकी निवासी नहीं है खुश, ट्रंप के फैसले का हुआ विरोध। सर्वे में हुआ खुलासा।
टैरिफ लगाने के फैसले ने अमेरिका के भीतर ही तीखी प्रतिक्रिया पैदा कर दी है। एक हालिया सर्वेक्षण में पाया गया कि अमेरिकी जनता का बड़ा हिस्सा इस कदम से खुश नहीं है और इसे अनुचित मान रहा है। भारत पर टैरिफ से नाराज अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल आयात करने पर नाराजगी जताते हुए भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया, जिससे कुल टैरिफ बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया। यह कदम अमेरिकी थिंक टैंक डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट के सर्वेक्षण का मुख्य विषय बना। सर्वे के नतीजे बताते हैं कि 53 प्रतिशत अमेरिकियों ने इस टैरिफ को गलत ठहराया, जबकि 43 प्रतिशत ने इसका समर्थन किया।
भारत के वैश्विक प्रभाव को मिला समर्थन
सर्वे में यह भी सामने आया कि 64 प्रतिशत अमेरिकी मानते हैं कि वैश्विक स्तर पर भारत का बढ़ता प्रभाव अमेरिका और दुनिया के लिए सकारात्मक है। 53 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि उन्हें भारत सरकार और भारतीय जनता के सामने अमेरिका की छवि की परवाह है।
पीएम मोदी पर भी राय जानी गई
सर्वे में भाग लेने वाले 59 प्रतिशत लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक सफल नेता और विश्वसनीय सहयोगी माना, जो अमेरिका के लिए फायदेमंद हैं। दिलचस्प बात यह रही कि ट्रंप के टैरिफ का समर्थन करने वाले मतदाता भी भारत और पीएम मोदी के प्रति सकारात्मक राय रखते हैं।
एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर चौंकाने वाला रुख
सर्वे में एक चौंकाने वाला तथ्य यह भी सामने आया कि 60 प्रतिशत से अधिक प्रतिभागियों ने एच-1बी पेशेवर वीजा कार्यक्रम को समाप्त करने का समर्थन किया, जबकि यह कार्यक्रम भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए खास महत्व रखता है।
सर्वे की अवधि और पद्धति
यह टेलीफोन आधारित सर्वे 3 से 5 अगस्त 2025 के बीच 1,500 संभावित अमेरिकी मतदाताओं के बीच किया गया था। डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट के संस्थापक निदेशक पैट्रिक बाशम ने कहा कि ट्रंप के टैरिफ के कट्टर समर्थकों द्वारा भी भारत के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखना एक आश्चर्यजनक और महत्वपूर्ण संकेत है।
यह घटनाक्रम दर्शाता है कि भारत-अमेरिका संबंधों में व्यापारिक मतभेदों के बावजूद आपसी सम्मान और राजनीतिक भरोसे की एक गहरी परत मौजूद है।