
स्टेट डेस्क, आर्या कुमारी |
बिहार महागठबंधन में आरजेडी और कांग्रेस के बीच साझा चुनाव प्रचार और घोषणा पत्र को लेकर मतभेद बढ़ गए हैं। कई सीटों पर 'फ्रेंडली फाइट' की वजह से दूरी बढ़ी है। अशोक गहलोत का पटना दौरा और तेजस्वी यादव से मुलाकात संभावित है, लेकिन मेनिफेस्टो ड्राफ्ट कमेटी अभी तक नतीजे पर नहीं पहुंची है।
बिहार के महागठबंधन में आपसी तकरार के बाद अब साझा चुनाव प्रचार अभियान पर संकट छा गया है। कई सीटों पर 'फ्रेंडली फाइट' के कारण आरजेडी और कांग्रेस के बीच दूरी बढ़ती नजर आ रही है। इसी वजह से साझा घोषणा पत्र पर भी बातचीत आगे नहीं बढ़ पा रही है।
महागठबंधन की मेनिफेस्टो ड्राफ्ट कमेटी अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। आरजेडी और कांग्रेस दोनों के अपने-अपने चुनावी वादे हैं। सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी के साथ गतिरोध खत्म करने के लिए कांग्रेस के बड़े नेताओं को लगाया जा सकता है। इसी क्रम में अशोक गहलोत का आज पटना दौरा होगा और तेजस्वी यादव से उनकी मुलाकात संभव है। आरजेडी से रिश्ते में खटास आने के बाद बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्ण अल्लावारु को कांग्रेस ने पीछे हटा दिया है।
साझा घोषणा पत्र पर सहमति अटकी
आरजेडी और कांग्रेस के चुनावी वादे कई मायनों में एक जैसे हैं, लेकिन साझा प्रारूप पर सहमति बननी बाकी है। महागठबंधन की मेनिफेस्टो ड्राफ्ट कमेटी इस पर कोई ठोस नतीजा नहीं निकाल पाई है। इसी आंतरिक संघर्ष के कारण साझा चुनाव प्रचार शुरू होने पर सवाल उठ रहे हैं।
सम्राट चौधरी ने तंज कसा
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, "लालू प्रसाद यादव ही एकमात्र नेता हैं और अन्य पार्टियां महत्वहीन हैं। कोई SIR के दौरान घूम रहा था, वह SIR नेता अब बिहार या देश में कहीं दिखाई नहीं दे रहा है।"