
विदेश डेस्क, श्रेयांश पराशर |
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और फिल्मकार आमिर खान ने इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न (IFFM) 2025 का आगाज पारंपरिक दीया जलाकर किया। यह आयोजन सिर्फ एक फिल्म महोत्सव नहीं, बल्कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सांस्कृतिक सेतु का प्रतीक भी है।
फेस्टिवल के 16वें एडिशन की शुरुआत ओपनिंग नाइट पर भव्य अंदाज़ में हुई। आमिर खान द्वारा दीया जलाने की इस रस्म ने कार्यक्रम को सांस्कृतिक महत्व प्रदान किया। इस अवसर पर उन्होंने बचपन के दौरान देखे गए बक्शो बंडी के प्रसंग का ज़िक्र किया, जो इस बार फेस्टिवल की ओपनिंग फिल्म रही। इस फिल्म में टिलोतमा शोम और अभिनेता-निर्माता जिम सर्फ जैसे कलाकारों ने अभिनय किया है।
यह 11-दिवसीय महोत्सव 14 अगस्त से 24 अगस्त तक चलेगा, जिसमें फिल्म निर्माता, कलाकार और सिनेमा प्रेमी एक साथ जुटेंगे। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, फिल्म स्क्रीनिंग और चर्चाओं के माध्यम से दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत बनाने का प्रयास किया जाएगा।
आमिर खान ने उद्घाटन समारोह में कहा, “आईएफएफएम का उद्घाटन करना मेरे लिए गर्व और सम्मान की बात है। यहां आकर और सिनेमा का उत्सव मनाकर बेहद खुशी हो रही है। लंबे समय से मैं यहां आने का सोच रहा था और अब आखिरकार आ सका हूं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनके सभी साथी IFFM की गर्मजोशी और मेहमाननवाज़ी की तारीफ करते हैं, और अब वे स्वयं इसे महसूस कर पा रहे हैं।
फेस्टिवल के आयोजकों का कहना है कि इस वर्ष का संस्करण खास तौर पर विविधता और नवाचार पर केंद्रित है। इसमें भारत के विभिन्न हिस्सों की फिल्मों के साथ-साथ ऑस्ट्रेलियाई फिल्म निर्माताओं की प्रस्तुतियां भी शामिल हैं। इससे न केवल नए प्रतिभाओं को मंच मिलेगा, बल्कि दर्शकों को विभिन्न संस्कृतियों के मेल का अनुभव भी होगा।
आमिर खान ने अंत में बक्शो बंडी और बाकी फिल्मों की टीम को शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि यह फेस्टिवल दर्शकों के लिए यादगार साबित होगा। इस आयोजन ने एक बार फिर यह साबित किया कि सिनेमा केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और एकता का सशक्त माध्यम है।