
लोकल डेस्क, एन के सिंह |
अपराध की दुनिया में लंबे समय से सक्रिय भुन्ना मियां को निशाना बनाया गया। पूरे इलाके में दहशत का माहौल।
जिले के दरपा थाना क्षेत्र के पिपरा गांव में एक बड़ी आपराधिक वारदात सामने आई है। यहां कुख्यात नक्सली एरिया कमांडर और हिस्ट्रीशीटर भुन्ना मियां की गला रेतकर हत्या कर दी गई है। उसका शव गांव स्थित हाई स्कूल के पास मिला। मृतक भुन्ना मियां, स्वर्गीय अदालत मियां का पुत्र था। वह नक्सली संगठन से जुड़ा हुआ था और लंबे समय से अपराध की दुनिया में सक्रिय था। उसके खिलाफ कई संगीन मामले दर्ज थे और पुलिस रिकॉर्ड में वह वांछित अपराधियों की सूची में शामिल था। उसे इलाके में नक्सली गतिविधियों का संचालन करने वाले प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में जाना जाता था।
भुन्ना मियां का आपराधिक इतिहास बेहद लंबा रहा है। दरपा थाना कांड संख्या 04/2008 में उसके खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 302/34 और शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत हत्या का मामला दर्ज था। इसके बाद कांड संख्या 05/2009 में उस पर दंगा, गैरकानूनी जमावड़ा, घर में जबरन प्रवेश, बंधक बनाना और CLA एक्ट के तहत गंभीर आरोप लगाए गए थे। वहीं कांड संख्या 21/2012 में उसके विरुद्ध हत्या के प्रयास, मारपीट, गाली-गलौज और हथियार के उपयोग से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस का कहना है कि इस हत्या के पीछे आपसी रंजिश और पुरानी दुश्मनी की भूमिका हो सकती है। शुरुआती जांच में कुछ संदिग्धों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। पुलिस ने घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए इलाके में चौकसी बढ़ा दी है और लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
घटना के बाद पिपरा गांव और आसपास के क्षेत्रों में डर और तनाव का माहौल व्याप्त है। ग्रामीण सहमे हुए हैं और कई लोग अब भी इस हत्या को लेकर खुलकर बोलने से कतरा रहे हैं। पुलिस बल गांव में कैंप कर रहा है ताकि किसी भी संभावित स्थिति से निपटा जा सके। भुन्ना मियां की हत्या ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि जो व्यक्ति वर्षों तक दूसरों के लिए आतंक का प्रतीक बना रहा, वह खुद अपराध की दुनिया का शिकार बन गया। पुलिस की अगली चुनौती अब यह होगी कि अपराधियों को शीघ्रता से पकड़ कर इलाके में शांति व्यवस्था बहाल की जाए।