
राहुल गांधी के समर्थन में कांग्रेस का हल्लाबोल, रक्सौल में NDA के खिलाफ फूटा जनआक्रोश
मोतिहारी/रक्सौल (पूर्वी चंपारण): बिहार की राजनीति में राहुल गांधी की सक्रियता ने नई हलचल पैदा कर दी है। कांग्रेस पार्टी, खासकर अल्पसंख्यक और युवा वर्ग, अब खुलकर एनडीए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रहा है। शुक्रवार को रक्सौल में कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष नूर मोहम्मद के नेतृत्व में एक जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतले जलाए गए।
इस विरोध का कारण दरभंगा में प्रस्तावित राहुल गांधी का 'शिक्षा न्याय संवाद' कार्यक्रम था, जिसे प्रशासन द्वारा अचानक रद्द कर दिया गया। कांग्रेस नेताओं ने इसे लोकतंत्र का सीधा अपमान और छात्रों की आवाज को दबाने की कोशिश बताया।
युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव प्रो. अखिलेश दयाल ने कहा कि राहुल गांधी बिहार के युवाओं के लिए पांच बुनियादी मांगें लेकर आए हैं—शिक्षा में आरक्षण का सही क्रियान्वयन, SST फंड का पारदर्शी उपयोग, मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, रोजगार परक नीतियां और समयबद्ध शैक्षणिक कैलेंडर। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता और उनकी नीतिगत स्पष्टता से घबराई हुई है।
अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष आकाश रंजन ने राज्य सरकार पर शिक्षा के निजीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि यह नीति गरीब छात्रों के भविष्य को अंधकार में धकेल रही है।
इस प्रदर्शन में महम्द फैजुल्लाह, मुमताज अहमद, मुकेश कुमार, मनीष कुमार, मनोज राम, अशोक यादव, धर्मेंद्र कुमार, महेंद्र सिंह, मनोज साह, सज्जन पासवान और महेश आर्यन सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए।
जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव करीब आ रहे हैं, राहुल गांधी की सक्रियता और कांग्रेस की आक्रामक रणनीति एनडीए के लिए एक नई चुनौती बनती दिख रही है। यह विरोध सिर्फ सड़कों तक सीमित नहीं, बल्कि गांव-गांव तक पहुंचता जनसंदेश बनता जा रहा है।