
नेशनल डेस्क, श्रेयांश पराशर |
देशभर में शनिवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम और भक्ति भाव के साथ मनाई जा रही है। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएँ दीं और इसे आस्था, आनंद और उत्साह का पर्व बताया।
राष्ट्रपति मुर्मु ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने संपूर्ण मानवता को धर्म के अनुरूप कर्तव्य मार्ग पर चलते हुए प्राणियों के कल्याण का संदेश दिया। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि जन्माष्टमी पर हम सब यह संकल्प लें कि श्रीकृष्ण द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करेंगे और समाज व राष्ट्र को और अधिक सशक्त बनाएँगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “सभी देशवासियों को जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ। आशा, आस्था और उमंग का यह पावन पर्व आपके जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करे। जय श्रीकृष्ण!” उन्होंने जन्माष्टमी को आनंद और उत्साह का प्रतीक बताते हुए इसे समाज में सकारात्मकता और सामूहिकता का संदेश देने वाला पर्व करार दिया।
विश्लेषण के तौर पर देखा जाए तो इस बार जन्माष्टमी ऐसे समय में मनाई जा रही है जब देश स्वतंत्रता दिवस की उमंग में भी सराबोर है। प्रधानमंत्री मोदी ने इससे एक दिन पहले लाल किले की प्राचीर से श्रीकृष्ण का उल्लेख करते हुए कहा था कि उनकी सरकार ने “मिशन सुदर्शन चक्र” की शुरुआत की है, जो राष्ट्र सुरक्षा और रणनीतिक मजबूती का प्रतीक है। इससे यह संदेश जाता है कि सरकार सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक प्रतीकों को न केवल सामाजिक, बल्कि राष्ट्रीय नीतियों में भी शामिल कर रही है।
देशभर में मथुरा, वृंदावन और द्वारका जैसे तीर्थस्थलों पर लाखों श्रद्धालु उमड़े हैं और रात भर भगवान कृष्ण की लीलाओं का मंचन तथा झाँकियाँ सजाने का सिलसिला जारी है। यह पर्व आस्था, संस्कृति और समर्पण का ऐसा संगम है, जो भारतीय समाज की एकजुटता और आध्यात्मिकता को और गहराई देता है।