
नेशनल डेस्क, श्रेयांश पराशर |
उपराष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इंडिया गठबंधन की ओर से सुदर्शन रेड्डी ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन प्रक्रिया के दौरान गठबंधन के तमाम दिग्गज नेता मौजूद रहे, जिनमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, सोनिया गांधी, शरद पवार और रामगोपाल यादव जैसे बड़े नाम शामिल थे। यह उपस्थिति स्पष्ट संकेत देती है कि विपक्ष इस चुनाव को पूरी मजबूती से लड़ने की रणनीति अपना रहा है।
रेड्डी ने राज्यसभा सचिवालय जाकर चार सेटों में नामांकन पत्र दाखिल किया, जिन पर 20 प्रस्तावकों और 20 अनुमोदकों ने हस्ताक्षर किए। इससे पहले उन्होंने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। उनके मुकाबले सत्ता पक्ष यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने सी.पी. राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि उपराष्ट्रपति चुनाव भले ही संसदीय गणित का खेल हो, लेकिन यह विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन भी बन जाता है। इंडिया गठबंधन इस अवसर को अपनी एकजुटता दिखाने के लिए उपयोग कर रहा है, वहीं एनडीए भी अपने बहुमत के दम पर परिणाम को सुनिश्चित मान रहा है।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 21 अगस्त नामांकन की अंतिम तारीख थी, और अब 9 सितंबर को मतदान होगा। मतगणना भी उसी दिन शाम को पूरी कर परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। यह चुनाव खास इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि मौजूदा समय में संसद के दोनों सदनों में बहस और टकराव की राजनीति अक्सर सुर्खियों में रहती है। ऐसे में नया उपराष्ट्रपति, जो राज्यसभा का सभापति भी होता है, सदन के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस चुनाव का नतीजा न सिर्फ अगले पांच साल की संसदीय राजनीति को प्रभावित करेगा, बल्कि विपक्ष और सत्ता पक्ष की ताकत और रणनीति की दिशा भी तय करेगा।