
लोकल डेस्क, एन.के. सिंह |
सरकारी विभागों ने शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई कर प्राथमिकी, मुआवजा और वेतन भुगतान जैसे मामलों का सफलतापूर्वक समाधान किया।
पूर्वी चंपारण: जिले में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत हाल ही में पाँच महत्वपूर्ण मामलों का सफल निपटारा किया गया है। इन मामलों में आम नागरिकों की विभिन्न समस्याओं का समाधान हुआ है, जिनमें पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराने से लेकर भूमि मुआवजा और वेतन भुगतान जैसे मुद्दे शामिल थे।
थाना में प्राथमिकी दर्ज न होने के मामले में कार्रवाई
पहला मामला नजमा खातुन (ग्राम- बैरिया) से संबंधित था, जिन्होंने डुमरियाघाट थाना में प्राथमिकी दर्ज न करने की शिकायत की थी। लोक प्राधिकार थानाध्यक्ष डुमरियाघाट को नोटिस भेजने और लगातार सुनवाई के बाद, यह पाया गया कि नजमा खातुन के आवेदन के आधार पर थानाकांड संख्या 244/25 दर्ज कर लिया गया है। इस कार्रवाई पर परिवादिनी ने संतुष्टि व्यक्त की, और उनके मामले का निवारण हो गया।
भारतमाला परियोजना के तहत भूमि मुआवजे का भुगतान
दूसरे मामले में, पकड़ीदयाल के रघुबीर ठाकुर ने भारतमाला परियोजना (चोरमा-बैरगनिया) के तहत अपनी अधिग्रहित जमीन के मुआवजे का भुगतान न होने की शिकायत की थी। इस मामले में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, पूर्वी चंपारण को नोटिस भेजा गया। जवाब में, पदाधिकारी ने न्यायालय को सूचित किया कि रघुबीर ठाकुर की 18.75 डिसमिल जमीन के लिए ₹18,69,231/- का मुआवजा स्वीकृत कर पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। भुगतान होने की जानकारी मिलने पर रघुबीर ठाकुर ने अपनी सहमति व्यक्त की और शिकायत का समाधान हो गया।
एक और प्राथमिकी दर्ज करने का मामला
तीसरा मामला मंगलपुर की गुड़िया देवी का था, जिन्होंने 15 फरवरी 2025 को डुमरियाघाट थाना में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इस शिकायत के बाद थानाध्यक्ष, डुमरियाघाट को नोटिस भेजा गया। थानाध्यक्ष ने सूचित किया कि गुड़िया देवी के पति के आवेदन पर थानाकांड संख्या 245/25 (धारा 316(2), 318(4) सहित) दर्ज कर लिया गया है। इस जानकारी से परिवादिनी ने संतुष्टि जताई और मामला बंद कर दिया गया।
वेतन भुगतान में देरी और रिश्वतखोरी की शिकायत
चौथा मामला मोतिहारी के दीपक पासवान का था, जिन्होंने वेतन भुगतान के लिए रिश्वत मांगे जाने और जानबूझकर उनके खाते के विवरण में गड़बड़ी करने की शिकायत की थी। इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी, पूर्वी चंपारण को नोटिस जारी किया गया। जवाब में, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) ने न्यायालय को बताया कि दीपक कुमार, विशिष्ट शिक्षक, का अप्रैल से जुलाई 2025 तक का वेतन 5 अगस्त 2025 को भेज दिया गया है। वेतन भुगतान होने पर दीपक पासवान ने भी सहमति दी, जिससे इस शिकायत का भी निवारण हो गया।
डिग्री प्रमाण पत्र न मिलने का मामला
पांचवां और अंतिम मामला चकिया के सचिन कुमार का था, जिन्होंने एस.आर.ए.पी. कॉलेज, बारा से अपने बी.ए. डिग्री प्रमाण पत्र न मिलने की शिकायत की थी। प्राचार्य, एस.आर.ए.पी. कॉलेज को नोटिस जारी किया गया। कॉलेज प्रशासन ने न्यायालय को सूचित किया कि बी.ए. (इकोनॉमिक्स ऑनर्स) का डिग्री प्रमाण पत्र 20 अगस्त 2025 को कॉलेज को प्राप्त हो चुका है और वे सचिन कुमार से संपर्क कर रहे हैं ताकि उन्हें जल्द से जल्द प्रमाण पत्र सौंपा जा सके। इस जानकारी पर सचिन कुमार ने संतोष व्यक्त किया और उनका परिवाद भी समाप्त हो गया। इन सभी मामलों का सफल निपटारा बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम ने किया है।