नेशन लडेस्क , श्रेयांश पराशर l
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस के अवसर पर देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अब ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है, इसलिए नागरिकों का यह दायित्व है कि वे अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखें। उन्होंने संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित समारोह में संविधान सभा के सदस्यों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि 1949 में अपनाया गया संविधान भारत की प्रगति में एक स्थायी मार्गदर्शक शक्ति रहा है।
प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि 2015 में सरकार ने 26 नवंबर को औपचारिक रूप से संविधान दिवस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू की थी। उन्होंने कहा कि संविधान ने साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले लोगों को भी सर्वोच्च स्तर पर राष्ट्र की सेवा करने का अवसर दिया है और यह लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। प्रधानमंत्री ने संसद और संविधान के प्रति अपने सम्मान की कई यादें साझा कीं, जिनमें 2014 में संसद की सीढ़ियों पर नमन और 2019 में संविधान की प्रति को माथे से लगाने का क्षण शामिल था।
उन्होंने कहा कि संविधान ने करोड़ों भारतीयों में सपने देखने और उन्हें पूरा करने की शक्ति भरी है। पीएम मोदी ने इस वर्ष के संविधान दिवस को विशेष बताया क्योंकि यह समारोह वंदेमातरम् की रचना के 150 वर्ष, सरदार पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती, गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत वर्षगांठ जैसे महत्वपूर्ण अवसरों के साथ मेल खाता है।
उन्होंने कहा कि ये ऐतिहासिक व्यक्तित्व और उनके योगदान हमें अनुच्छेद 51ए में निहित कर्तव्यों की याद दिलाते हैं। महात्मा गांधी के उद्धरण का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिकारों की राह कर्तव्यों के पालन से निकलती है। भविष्य की दिशा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस सदी के शुरुआती 25 वर्ष बीत चुके हैं और आने वाले दो दशक भारत को उपनिवेशवाद से मिली आज़ादी के 100 वर्ष पूरे करने की ओर लेकर जाएंगे। वर्ष 2049 में संविधान को अपनाए एक सदी पूरी हो जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज लिए गए निर्णय आने वाली पीढ़ियों का भविष्य तय करेंगे। उन्होंने युवाओं से विशेष अपील की कि 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर मतदान का अधिकार मिलने का सम्मान समझें और स्कूल–कॉलेजों में संविधान दिवस मनाते हुए लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करें।
उन्होंने विश्वास जताया कि नागरिक कर्तव्यों के प्रति जागरूक युवा भारत के उज्ज्वल लोकतांत्रिक भविष्य की आधारशिला बनेंगे।






