
रिपोर्ट : रूचि भारती
संग्रामपुर| मोतिहारी जिले के संग्रामपुर प्रखंड में नए प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवन के लिए विवादित भूमि का चयन होने से ग्रामीणों में भारी नाराजगी है। 33 वर्षों से बेहतर भवन की उम्मीद लगाए लोगों को तब झटका लगा, जब भूमि चयन समिति ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से बिना परामर्श किए ऐसी जगह का चुनाव कर लिया, जहाँ साल के छह महीने जलभराव रहता है और पहुँच मार्ग भी सुगम नहीं है। चयनित भूमि अरेराज के मूढ़ा पंचायत से जुड़ती है, जबकि नियमानुसार कार्यालय मुख्यालय के पास होना चाहिए। ग्रामीणों का कहना है कि नई जमीन दूरस्थ और बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में होने से बारह पंचायतों के लोगों को भारी असुविधा होगी, जिनकी दूरी 18 किलोमीटर तक है। भाजपा नेता राहुल सिंह समेत कई ग्रामीणों ने इसे जनहित विरोधी फैसला बताया है।
ग्रामीणों के अनुसार, पहले सीएचसी के पास निजी जमीन का प्रस्ताव था, जिससे सभी को सुविधा होती, लेकिन अब सरकारी भूमि की प्राथमिकता से यह विवाद उत्पन्न हो गया है। अंचल कार्यालय ने चयनित भूमि का प्रस्ताव भेज दिया है और टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, जिससे ग्रामीणों में और आक्रोश है। पूर्व जिप सदस्य आशुतोष पांडेय और राजद नेता कनिश्वर कुमार केसरी ने चेतावनी दी है कि यदि फैसला नहीं बदला गया तो जन आंदोलन होगा। वहीं, सीओ संग्रामपुर ने सरकारी निर्देशानुसार चयन की बात कही है। भूमि चयन में मनमानी के कारण क्षेत्र में भारी असंतोष व्याप्त है।