
स्टेट डेस्क ,श्रेयांश पराशर |
मालेगांव विस्फोट मामले में आए फैसले के बाद एनसीपी-एससीपी विधायक जीतेंद्र आव्हाड के सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान ने देशभर में तीखा राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। उन्होंने न सिर्फ सनातन धर्म को "विकृत विचारधारा" बताया बल्कि उसके ऐतिहासिक संदर्भों पर भी गंभीर आरोप लगाए।
एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक जीतेंद्र आव्हाड ने कहा कि "सनातन धर्म ने भारत को बर्बाद कर दिया है।" उन्होंने कहा कि सनातन नाम का कोई धर्म कभी था ही नहीं, हम हिंदू धर्म के अनुयायी हैं। उन्होंने इसे तथाकथित परंपरा बताया जिसने इतिहास में पिछड़े वर्गों और नेताओं को दबाया।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इसी तथाकथित सनातन धर्म ने छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक को रोका और संभाजी महाराज को बदनाम किया। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी विचारधारा ने ज्योतिराव फुले की हत्या की कोशिश की, सावित्रीबाई फुले पर गोबर फेंका और डॉ. भीमराव अंबेडकर को स्कूल जाने तक की अनुमति नहीं दी।
आव्हाड ने कहा कि "यह वही विचारधारा है जिसे बाबासाहेब अंबेडकर ने जलाया, जो मनुस्मृति से निकली थी।" उनका कहना है कि अब समय आ गया है कि लोग खुलकर कहें कि सनातन धर्म और इसकी विचारधारा विकृत है।
इस बयान को लेकर भाजपा नेता संबित पात्रा ने प्रतिक्रिया दी और प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस और विपक्षी दलों पर 'भगवा आतंकवाद' जैसे शब्दों के प्रयोग का आरोप लगाया। उन्होंने इसे हिंदू धर्म पर सीधा हमला बताया।
यह बयान आने वाले समय में महाराष्ट्र ही नहीं, देश की राजनीति में बड़ा मुद्दा बन सकता है।