
स्टेट डेस्क, प्रीति पायल |
उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने संविदा सफाई कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा योजना की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत यदि कोई कॉन्ट्रैक्ट सफाई कर्मी कार्य के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होकर अपनी जान गंवा देता है, तो उसके पारिवारिक सदस्यों को 35 से 40 लाख रुपये की एक्स ग्रेशिया राशि प्रदान की जाएगी। यह धनराशि सीधे लाभार्थी के बैंक अकाउंट में स्थानांतरित होगी। राज्य प्रशासन इस हेतु बैंकिंग संस्थानों के साथ तालमेल स्थापित कर रहा है। पूर्व में यह सुविधा 80,000 होमगार्ड कर्मियों को उपलब्ध कराई जा चुकी है, और अब इसका विस्तार समस्त संविदा सफाई कर्मचारियों तक किया जा रहा है।
स्वास्थ्य सेवाओं के संदर्भ में, सभी सफाई कर्मचारियों और स्वच्छता मित्रों को आयुष्मान भारत कार्यक्रम के माध्यम से वार्षिक 5 लाख रुपये का चिकित्सा बीमा कवरेज मिलेगा। इसके लिए योग्य कर्मचारियों को आयुष्मान कार्ड जारी किए जाएंगे, जिससे वे निःशुल्क उपचार की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे।
वेतन भुगतान प्रणाली में भी महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। अब सफाई कर्मचारियों का वेतन आउटसोर्सिंग एजेंसियों के बजाय सीधे सरकारी निगम से उनके बैंक खातों में जमा होगा। मासिक वेतन 16,000 से 20,000 रुपये निर्धारित किया गया है, जो दीपावली पूर्व लागू होने की संभावना है।
त्योहारी सीजन में सभी सफाई कर्मचारियों के लिए राज्यव्यापी मिठाई वितरण अभियान चलाया जाएगा। प्रत्येक निर्धन परिवार तक दीपक और मिठाई पहुंचाने का निर्देश दिया गया है। 7 अक्टूबर को वाल्मीकि जयंती को राज्यव्यापी अवकाश घोषित किया गया है।
यह घोषणा स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के दौरान की गई, जिसमें सफाई कर्मचारियों का सम्मान किया गया। मुख्यमंत्री ने वाराणसी में भी सफाई कर्मियों को सैनिटेशन किट का वितरण किया। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि को "भारतीय ऋषि परंपरा के शिल्पकार" की संज्ञा दी और रामायण रचयिता के रूप में उनके योगदान को रेखांकित किया। मुख्यमंत्री ने वाल्मीकि समुदाय से जातिवाद त्यागने और शिक्षा पर ध्यान देने की अपील की।
यह पहल उत्तर प्रदेश के लाखों संविदा सफाई कर्मचारियों के लिए आर्थिक एवं स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करेगी तथा स्वच्छ भारत मिशन को और मजबूती प्रदान करेगी।