
स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार |
सभी आतंकवाद पीड़ित कश्मीरी परिवारों को 30 दिन के भीतर नौकरी का वादा: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को अनंतनाग में 80 से अधिक पीड़ित परिवारों के साथ एक कार्यक्रम में वादा किया कि पिछले 30 वर्षों में आतंकवाद के कारण अपने परिजनों को खोने वाले प्रत्येक पात्र कश्मीरी परिवार के एक बेरोजगार सदस्य को 30 दिनों के भीतर सरकारी नौकरी दी जाएगी।
सिन्हा ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे ऐसे लंबित नौकरी आवेदन प्राथमिकता के आधार पर निपटाएं और उन मामलों में एफआईआर दर्ज करें, जिनमें आम नागरिकों को आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाया गया लेकिन जिन्हें अब तक नज़रअंदाज़ किया गया। यह पहल घाटी में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की वजह से हुई 40,000 से अधिक मौतों को लेकर एक नई दृष्टि प्रस्तुत करने की कोशिश का हिस्सा है।
कार्यक्रम का आयोजन सेव यूथ, सेव फ्यूचर फाउंडेशन ने किया था। इस मौके पर उपराज्यपाल ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 2019 से पहले आतंकवादियों के जनाजों की अनुमति दी जाती थी, लेकिन आतंकवादियों के हाथों मारे गए हजारों निर्दोष कश्मीरियों को कोई पहचान नहीं दी गई।"
उन्होंने कहा कि "कई वर्षों तक आतंकवादी नेटवर्क के दबाव में सच्चाई को छुपाया गया।" सिन्हा ने भरोसा दिलाया कि इन हत्याओं के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे कश्मीर में हों या पाकिस्तान में छिपे हों।
सिन्हा ने यह भी घोषणा की कि केंद्र सरकार उन पीड़ित परिवारों की संपत्तियों को फिर से हासिल करेगी, जिन पर अलगाववादी या आतंकवादी समर्थकों ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने इसे "कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा मारे गए हजारों निर्दोष लोगों को पहचान और सम्मान देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम" बताया।
सिन्हा ने यह भी कहा, "इन परिवारों को लंबे समय तक हाशिए पर रखा गया, न्याय से वंचित किया गया, उनके दर्द को नज़रअंदाज़ किया गया और उनकी कहानियों को जानबूझकर दबाया गया। अब सैकड़ों परिवार खुलकर कह रहे हैं कि उनके परिजनों की हत्या पाकिस्तानी आतंकवादियों ने की थी।"
इस कार्यक्रम में अनंतनाग, कुलगाम और शोपियां जिलों के वे परिवार शामिल हुए, जिन पर पिछले कुछ वर्षों में आतंकवादी हमलों का प्रभाव पड़ा है।
सरकारी नौकरी के अलावा, उपराज्यपाल ने यह भी आश्वासन दिया कि जो लोग अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, उन्हें वित्तीय और तकनीकी सहायता दी जाएगी।
राजभवन द्वारा जारी बयान के अनुसार, कई परिवारों ने उपराज्यपाल से बात करते हुए "कश्मीर घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने और दशकों से फैलाए जा रहे झूठे प्रचार में पाकिस्तान की भूमिका" को उजागर किया।