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सीपी राधाकृष्णन बने भारत के नये उपराष्ट्रपति

राष्ट्रीय डेस्क, आर्या कुमारी |

उपराष्ट्रपति चुनाव: एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को 452 वोटों से जीत, विपक्ष के 14 सांसदों की क्रॉसवोटिंग से मिला फायदा

एनडीए प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति चुनाव में जोरदार जीत दर्ज की। उन्हें 452 वोट मिले, जबकि इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को केवल 300 वोट मिले और वे हार गए। एनडीए के उम्मीदवार राधाकृष्णन ने कुल 452 वोट हासिल कर विपक्षी उम्मीदवार को मात दी। सुदर्शन रेड्डी 300 वोटों पर सिमट गए। बीजेपी ने दावा किया कि विपक्षी खेमे से 14 सांसदों ने क्रॉसवोटिंग की।

हालांकि विपक्षी दलों ने चुनौती दी, लेकिन उनकी संख्या एनडीए से कम रही। जीत के लिए 392 वोटों की आवश्यकता थी, जिसे एनडीए उम्मीदवार ने आसानी से पार कर लिया। मंगलवार को हुए मतदान में 767 सांसदों ने हिस्सा लिया। इनमें 15 वोट अमान्य घोषित हुए। कुल 782 सांसदों को वोट देने का अधिकार था। विपक्ष के 14 वोट एनडीए खाते में चले जाने से विपक्ष को नुकसान उठाना पड़ा। एनडीए के पास अपने 427 सांसद थे। वाईएसआर कांग्रेस के 11 वोट जुड़कर आंकड़ा 438 तक पहुंचा। इसके अलावा, विपक्षी दलों से आई 14 क्रॉसवोटिंग ने राधाकृष्णन का आंकड़ा 452 कर दिया।

यह चुनाव उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के बाद हुआ। संसद परिसर स्थित वसुंधा भवन में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक वोटिंग हुई। दोनों सदनों के सांसदों ने इसमें भाग लिया।

विपक्ष ने एकजुटता का संदेश देने के लिए सुदर्शन रेड्डी को उतारा, लेकिन एनडीए ने रणनीतिक रूप से विपक्ष के वोट बैंक में सेंध लगाकर बढ़त बना ली। सुदर्शन रेड्डी ने कहा, “मैंने सांसदों से अंतरात्मा की आवाज़ पर वोट करने की अपील की थी। यही वजह रही कि कुछ क्रॉसवोटिंग हुई और एनडीए को फायदा मिला"।

इस चुनाव में करीब 2 फीसदी यानी 15 वोट अमान्य पाए गए। जानकारों का मानना है कि आगे ऐसी स्थितियों से बचने के लिए सांसदों को मतदान प्रक्रिया पर और अधिक प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी।