
स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार |
दिल्ली: हम में से बहुत से लोग अक्सर परिवार के साथ रेस्टोरेंट में भोजन करने जाते हैं। रेस्टोरेंट को आमतौर पर ऐसी जगह माना जाता है, जहां आप आराम से अपने मनपसंद और सहज कपड़ों में बैठकर खाना खा सकते हैं। लेकिन सोचिए, अगर यहां भी खाने के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया जाए, तो फिर रेस्टोरेंट और ऑफिस में क्या अंतर रह जाएगा।
एक क्लब में ड्रेस कोड होना समझ आता है, लेकिन रेस्टोरेंट में भी इस तरह की पाबंदी लगाना कई लोगों के लिए अजीब है। कुछ ऐसा ही मामला दिल्ली के रहने वाले एक दंपति के साथ हुआ, जो डिनर करने के लिए एक रेस्टोरेंट पहुंचे, लेकिन उन्हें सिर्फ इसलिए अंदर नहीं जाने दिया गया क्योंकि उन्होंने भारतीय पारंपरिक कपड़े पहने थे।
यह घटना दिल्ली के पीतमपुरा स्थित तुबाता रेस्टोरेंट की है। यहां एक कपल पहुंचा, जिसमें महिला ने कुर्ती, पजामी और दुपट्टा पहना था, जबकि उनके पति साधारण टी-शर्ट और जींस में थे। इसके बावजूद, रिसेप्शन पर मौजूद कर्मचारी ने उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी।
इस पर दंपति ने बाहर खड़े होकर रेस्टोरेंट का विरोध किया। उनका कहना था कि भारत में रहते हुए भारतीय कपड़े पहनकर रेस्टोरेंट में प्रवेश पर रोक लगाना संस्कृति के खिलाफ है। उन्होंने इस नियम को पूरी तरह भारतीय परंपरा के विपरीत बताया। विरोध के दौरान रेस्टोरेंट का मैनेजर बाहर आया और रिसेप्शनिस्ट के व्यवहार के लिए माफी मांगी।
कपल ने इस घटना का वीडियो भी रेस्टोरेंट के बाहर ही बनाया, जिसे बाद में सोशल मीडिया पर साझा किया गया। एक्स पर @rose_k01 नाम की यूजर ने यह वीडियो पोस्ट किया, जो तेजी से वायरल हो गया और अब तक 4 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है।
इस मामले पर लोगों की प्रतिक्रियाएं बंटी हुई हैं। कई यूजर्स ने रेस्टोरेंट की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे स्थानों को बंद कर देना चाहिए जो भारतीय संस्कृति के खिलाफ हैं। एक यूजर ने लिखा, “वो क्या पहनकर खाना खाते हैं, यह उनकी मर्जी है।” वहीं, कुछ लोगों ने रेस्टोरेंट का पक्ष लेते हुए कहा कि यह उनकी निजी संपत्ति है और अगर वे ड्रेस कोड लागू करना चाहते हैं, तो यह उनका अधिकार है। एक ने तो यह भी लिखा, “कहीं और जाकर खा लेते, तमाशा करने की क्या जरूरत थी।”