Ad Image
Ad Image
चुनाव आयोग: EPIC नहीं तो 12 वैकल्पिक ID प्रूफ से कर सकेंगे मतदान || बिहार विधानसभा चुनाव 25 : 121 सीट के लिए अधिसूचना जारी || गाजा युद्ध विराम की निगरानी के लिए 200 अमेरिकी सैनिक होंगे तैनात || इजरायल और हमास ने किए गाजा शांति योजना पर हस्ताक्षर: राष्ट्रपति ट्रंप || टाइफून मातमो तूफान को लेकर चीन में ऑरेंज अलर्ट, सेना तैयार || हमास बंधकों को करेगा रिहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा पर बमबारी रोकने को कहा || पहलगाम हमले के बाद पता चला कौन भारत का असली मित्र: मोहन भागवत || भारत के साथ व्यापार असंतुलन कम करने का अपने अधिकारियों को पुतिन का आदेश || मेक्सिको की राष्ट्रपति शीनबाम की इजरायल से अपील, हिरासत में लिए मेक्सिको के नागरिकों को जल्दी रिहा करें || शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र का मिर्जापुर में निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

अफगान विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की नो एंट्री

विदेश डेस्क - आर्या कुमारी

अफगान विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की नो एंट्री पर बवाल, भारत सरकार की सफाई

दिल्ली में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल न किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इस कार्यक्रम में भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं थी और यह अफगान दूतावास द्वारा आयोजित किया गया था। मंत्रालय ने यह भी कहा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर और मुत्तकी के बीच कोई संयुक्त प्रेस वार्ता नहीं हुई।


दरअसल, शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कथित तौर पर महिला पत्रकारों को प्रवेश से रोके जाने के बाद सोशल मीडिया पर नाराजगी फैल गई। विदेश मंत्रालय (MEA) ने शनिवार को स्पष्ट किया कि अफगान विदेश मंत्री मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उसकी कोई संलिप्तता नहीं थी।


विदेश मंत्रालय ने दी सफाई

MEA ने बताया कि जयशंकर और मुत्तकी की द्विपक्षीय बातचीत के बाद कोई संयुक्त प्रेस वार्ता नहीं हुई। अफगानिस्तान ने अपने दूतावास परिसर में अलग से प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें केवल चुनिंदा पुरुष पत्रकार और अफगान दूतावास के अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान मुत्तकी ने भारत-अफगानिस्तान संबंधों, मानवीय सहायता, व्यापार मार्गों और सुरक्षा सहयोग पर चर्चा की।


अगस्त 2021 में सत्ता में लौटे “तालिबान 2.0” शासन के दौरान अफगानिस्तान की महिलाएं गंभीर मानवाधिकार संकट झेल रही हैं। संयुक्त राष्ट्र ने इसे “दुनिया का सबसे गंभीर महिला अधिकार संकट” बताया है।


भारत की महिला पत्रकारों का अपमान: प्रियंका गांधी

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस घटना पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। उन्होंने एक्स पर लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कृपया तालिबान के प्रतिनिधि के भारत दौरे पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को हटाए जाने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें। अगर महिलाओं के अधिकारों के प्रति आपकी मान्यता सिर्फ एक चुनाव से दूसरे चुनाव तक अपनी सुविधानुसार दिखावा नहीं है, तो फिर भारत की कुछ सबसे सक्षम महिलाओं का अपमान हमारे देश में कैसे होने दिया गया?"


पुरुष पत्रकारों को भी करना चाहिए था विरोध: पी. चिदंबरम

पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने एक्स पर लिखा, "मैं हैरान हूं कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी द्वारा संबोधित प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को बाहर रखा गया। मेरे निजी विचार से, पुरुष पत्रकारों को तब बाहर निकल जाना चाहिए था जब उन्हें पता चला कि उनकी महिला सहकर्मियों को बाहर रखा गया है या उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया है।"


विदेश मंत्रालय ने दोहराया कि अफगान दूतावास की प्रेस वार्ता के आयोजन या प्रबंधन में उसकी कोई भूमिका नहीं थी और उसने महिला पत्रकारों को शामिल न करने के विवाद से खुद को पूरी तरह अलग कर लिया है।