
स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार |
उच्च शिक्षा हासिल करने के इच्छुक छात्रों के लिए बिहार सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सात निश्चय योजना के तहत 2 अक्टूबर 2016 से लागू बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को और आकर्षक बनाया गया है। अब 12वीं पास छात्र, जो उच्च शिक्षा करना चाहते हैं, उन्हें अधिकतम 4 लाख रुपये का शिक्षा ऋण बिना किसी ब्याज के मिलेगा। पहले सामान्य आवेदकों को 4% और महिला, दिव्यांग व ट्रांसजेंडर छात्रों को 1% ब्याज दर पर ऋण मिलता था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बदलाव की घोषणा की है, ताकि अधिक से अधिक छात्रों को उच्च शिक्षा का अवसर मिल सके।
योजना के मुख्य प्रावधान:
- ब्याज मुक्त ऋण: सभी पात्र आवेदकों को 4 लाख रुपये तक का ऋण अब बिना ब्याज मिलेगा।
- किस्त अवधि में विस्तार: ऋण चुकाने की समयसीमा बढ़ा दी गई है।
- 2 लाख रुपये तक का ऋण अब अधिकतम 84 किस्तों (7 वर्ष) में चुकाया जा सकेगा, पहले यह 60 किस्तों (5 वर्ष) में था।
- 2 लाख रुपये से अधिक का ऋण अब अधिकतम 120 किस्तों (10 वर्ष) में अदा किया जा सकेगा, जबकि पहले सीमा 84 किस्तें (7 वर्ष) थी।
उद्देश्य और महत्व:
- छात्रों को ब्याजमुक्त ऋण और लंबी किश्त अवधि से आर्थिक बोझ कम होगा।
- उच्च शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा और अधिक छात्र पढ़ाई जारी रख पाएंगे।
- शिक्षा के प्रसार से सामाजिक व आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- महिला, दिव्यांग और ट्रांसजेंडर छात्रों को विशेष लाभ देकर समावेशी विकास सुनिश्चित होगा।
आवेदन प्रक्रिया:
- पात्रता: 12वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र।
- प्रक्रिया: बिहार सरकार की तय प्रणाली के अनुसार आवेदन किया जाएगा।
- दस्तावेज: शैक्षिक प्रमाण पत्र, पहचान पत्र आदि आवश्यक होंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार का मकसद छात्रों को बेहतर शिक्षा अवसर देना है। यह योजना छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ाएगी और उन्हें उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करेगी। बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में किए गए ये बदलाव न केवल छात्रों के लिए सहायक साबित होंगे, बल्कि राज्य की शिक्षा और अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेंगे। यह पहल युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में अहम कदम है।