
बिजनेस डेस्क, नीतीश कुमार |
नई दिल्ली: नवरात्रि के दौरान जीएसटी में की गई कटौती के बाद अब दिवाली तक भारत सरकार आम आदमी को एक और बड़ा आर्थिक तोहफा देने की तैयारी में जुटी हुई है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने रविवार को स्पष्ट संकेत दिए हैं कि दिवाली से पहले विनिर्माण, व्यापार और एमएसएमई क्षेत्रों में बड़े सुधारों की घोषणा हो सकती है। यह कदम न केवल अर्थव्यवस्था को गति देगा, बल्कि छोटे व्यापारियों, किसानों और मध्यम वर्ग की जेब में भी राहत लाएगा। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली समितियों ने पहले ही अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसके आधार पर ये फैसले अंतिम रूप ले रहे हैं।
सरकार के इस रोडमैप से बाजार में चहल-पहल बढ़ने की पूरी संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये सुधार 'आत्मनिर्भर भारत' को मजबूत बनाते हुए वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में मदद करेंगे। अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की संभावित टैरिफ नीतियों के बीच भारत के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए व्यापार समझौतों पर भी तेजी से काम हो रहा है।
विनिर्माण को मिलेगा मजबूत झटका: हब बनने की राह आसान
विनिर्माण क्षेत्र में क्रांति की घड़ी नजदीक
नीति आयोग के मुताबिक, सरकार का फोकस भारत को वैश्विक विनिर्माण हब बनाने पर है। राष्ट्रीय विनिर्माण नीति (एनएमपी) में बदलाव कर क्लस्टर-आधारित इकोसिस्टम विकसित किया जाएगा, ताकि मध्यवर्ती सामग्रियों की कमी दूर हो सके। वर्तमान में भारत को कई आयातित पुर्जों पर निर्भरता है, जिसे कम करने के लिए टैरिफ घटाने और गैर-टैरिफ बाधाओं को हटाने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।
यह सुधार विनिर्माण की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को दोगुना कर देंगे। उद्योग जगत से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इससे न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं से भारत का जुड़ाव भी मजबूत होगा। खासकर ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ेगा। नीति आयोग के सीईओ ने कहा, "ये बदलाव भारत को विश्व पटल पर मजबूत बनाएंगे, जहां क्लस्टर और ट्रेड इकोसिस्टम का निर्माण प्राथमिकता होगी।"
दिवाली से पहले इन सुधारों की घोषणा से बाजार में उत्साह का संचार होगा। छोटे उद्योगों को सस्ते कच्चे माल की उपलब्धता मिलेगी, जिससे उत्पादन लागत घटेगी और उपभोक्ता उत्पाद सस्ते होंगे।
व्यापार और एमएसएमई को मिलेगा विशेष ध्यान: छोटे कारोबारियों की दीवाली रोशन
एमएसएमई के लिए खुशहाल दिवाली का वादा
व्यापार संतुलन बनाने और एमएसएमई को मजबूत करने पर सरकार का पूरा जोर है। नीति आयोग की रिपोर्ट्स के अनुसार, 13-14 प्रमुख क्षेत्रों में सुधारों की समीक्षा चल रही है, जिसमें एमएसएमई अनुपालन को सरल बनाना प्रमुख है। छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए रिफंड प्रक्रिया तेज करने और अनौपचारिक क्षेत्र को औपचारिक बनाने के उपाय किए जा रहे हैं।
इससे एमएसएमई क्षेत्र, जो देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, को नई ऊर्जा मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि ये सुधार किसानों, महिलाओं, युवाओं और मध्यम वर्ग को सीधा लाभ देंगे। उदाहरण के तौर पर, रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि और 'दाल मिशन' को मंजूरी जैसे कदम पहले ही एमएसएमई से जुड़े किसानों को राहत दे चुके हैं।
दिवाली बाजार को ध्यान में रखते हुए ये सुधार समय पर आ रहे हैं। छोटे व्यापारियों को कम अनुपालन बोझ से मुक्ति मिलेगी, जिससे वे अधिक निवेश कर सकेंगे। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इससे निर्यात में 20-25 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है, खासकर यूएस के साथ चल रही व्यापार वार्ताओं के बीच।
जीएसटी में और राहत: दो स्लैब सिस्टम से जेब ढीली होगी
अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार: आम आदमी की जेब में इजाफा
नवरात्रि में जीएसटी दरों में की गई कटौती के बाद दिवाली तक 'नेक्स्ट-जेन' सुधारों से टैक्स स्लैब और सरल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में इसे 'दिवाली तोहफा' बताया था, जहां 12% और 28% स्लैब हटाकर मुख्य रूप से 5% और 18% की दो दरें लागू हो सकती हैं। इससे दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर कर बोझ 30-40% तक कम हो जाएगा।
जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में पहले ही कई बदलाव मंजूर हो चुके हैं, जैसे जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी छूट, जो 22 सितंबर से प्रभावी है। इन सुधारों से उलटी टैक्स संरचना ठीक होगी, जिससे विनिर्माण इकाइयों का वर्किंग कैपिटल फ्री होगा। एमएसएमई और स्टार्टअप्स को कम लागत से फायदा मिलेगा, जबकि उपभोक्ताओं को सस्ते उत्पाद मिलेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "यह सुधार न केवल टैक्स सिस्टम को पारदर्शी बनाएंगे, बल्कि आर्थिक विकास को नई गति देंगे।" आरबीआई की हालिया रेपो रेट कटौती के साथ मिलकर ये बदलाव बाजार में खरीदारी को बढ़ावा देंगे।
केंद्रीय कर्मचारियों को बोनस का सरप्राइज: डीए हाइक से खुशी का माहौल
कर्मचारियों की दीवाली चमकेगी: महंगाई भत्ते में इजाफा
दिवाली से पहले केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को विशेष तोहफा मिलने की उम्मीद है। कैबिनेट ने 1 जुलाई 2025 से महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में 3% की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। इससे करोड़ों कर्मचारियों की मासिक आय में 4-5 हजार रुपये का इजाफा होगा।
यह फैसला न केवल महंगाई के बोझ को कम करेगा, बल्कि बाजार में अतिरिक्त खर्च को प्रोत्साहित करेगा। 57 नए केंद्रीय विद्यालयों की मंजूरी के साथ शिक्षा क्षेत्र में भी निवेश बढ़ेगा। ये कदम सरकार की प्राथमिकताओं को दर्शाते हैं, जहां सामाजिक कल्याण और आर्थिक वृद्धि साथ-साथ चल रहे हैं।
हरी अर्थव्यवस्था और आरएंडडी पर फोकस: भविष्य की नींव पक्की
हरित ऊर्जा और नवाचार से सशक्त भारत
नीति आयोग की 'ट्रेड वॉच क्वार्टरली' रिपोर्ट के अनुसार, एमएसएमई को आरएंडडी में निवेश और ग्रीन वैल्यू चेन से जोड़ने पर जोर दिया जा रहा है। नवीकरणीय ऊर्जा और सर्कुलर इकोनॉमी में अवसर पैदा करने से पर्यावरण-अनुकूल विकास सुनिश्चित होगा।
ये सुधार भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे। उद्योगपतियों ने इसे "ट्रांसफॉर्मेशनल" बताया है, जो न केवल लागत घटाएगा, बल्कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाएगा।
दिवाली की रौनक के साथ ये घोषणाएं अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि इनसे जीडीपी ग्रोथ में 1-2% का अतिरिक्त योगदान संभव है। सरकार के ये प्रयास आम आदमी से लेकर बड़े उद्योग तक सभी को लाभान्वित करेंगे।