
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
बांग्लादेश में अगले वर्ष फरवरी माह में 13वें संसदीय आम चुनाव कराए जाएंगे। चुनाव आयोग ने संकेत दिया है कि आगामी सप्ताह में चुनाव कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा जारी की जा सकती है। आयोग ने इस बाबत एक प्रारंभिक रोडमैप का मसौदा तैयार कर लिया है जिसे शीघ्र ही अंतिम मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
बांग्लादेश संवाद समिति (BSS) की रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव आयोग के वरिष्ठ सचिव अख्तर अहमद ने बताया कि आयोग ने पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। उनके अनुसार, "चुनाव रोडमैप का मसौदा लगभग तैयार है और अब इसे संबंधित संस्थाओं के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।" अहमद ने कहा कि सरकार और निर्वाचन आयोग का लक्ष्य है कि फरवरी 2026 तक नए संसद का गठन हो जाए ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में कोई व्यवधान न आए।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चुनाव बांग्लादेश की राजनीति में बेहद अहम साबित होगा। एक ओर सत्तारूढ़ अवामी लीग आगामी चुनाव में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए तैयारियों में जुटी है, वहीं विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी चुनावी मैदान में वापसी कर अपनी खोई हुई जमीन फिर से हासिल करने की कोशिश करेगी। पिछले चुनावों में विपक्ष ने धांधली और पारदर्शिता की कमी के आरोप लगाए थे। ऐसे में इस बार चुनाव आयोग की भूमिका और भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
चुनाव आयोग ने यह भी संकेत दिया है कि आगामी चुनावों में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा। इसके तहत मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल बढ़ाया जा सकता है। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं ताकि किसी तरह की हिंसा या गड़बड़ी न हो।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी बांग्लादेश के इन चुनावों पर कड़ी नजर रखे हुए है। संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ जैसे संगठन पहले ही कह चुके हैं कि वे चुनावों की स्वतंत्रता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए सहयोग देने को तैयार हैं।
अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग किस प्रकार रोडमैप को अंतिम रूप देता है और फरवरी में होने वाले इस महत्त्वपूर्ण आम चुनाव के लिए राजनीतिक दल किस तरह से रणनीति तैयार करते हैं।