
स्टेट डेस्क,श्रेयांश पराशर |
बिहार में मानसून की शुरुआत के साथ ही नदियों का रौद्र रूप सामने आने लगा है। नेपाल और झारखंड में भारी बारिश के कारण गंगा, कोसी, गंडक और महात्माइन जैसी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। फतुहा में महात्माइन नदी का तटबंध टूटने से कई गांव जलमग्न हो गए हैं और प्रशासन राहत-बचाव में जुटा है।
बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। राजधानी पटना से सटे फतुहा इलाके में महात्माइन नदी के जलस्तर में तेज़ बढ़ोतरी के कारण शनिवार सुबह कस्बे के पास तटबंध टूट गया। इससे सिरपतपुर और दनियावां के बड़ी केवाई गांवों में पानी घुस गया। स्थानीय ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी। प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया और तीन घंटे के अंदर टूटे तटबंध की मरम्मत करा दी गई। बावजूद इसके लगभग 20 परिवार प्रभावित हुए हैं और उनके घरों में पानी घुस चुका है।
फुल्लू नदी में भी जलस्तर वृद्धि के चलते फतुहा और दनियावां में महात्माइन नदी का जल प्रवाह खतरनाक स्तर पार कर गया है। शनिवार को सलारपुर में जमींदारी बांध टूट गया जिससे कई अन्य बांधों पर भी दबाव बढ़ा और वे क्षतिग्रस्त हो गए। अब तक दनियावां प्रखंड में चार बांध टूट चुके हैं। प्रभावित गांवों में प्रशासन द्वारा राहत कैंप शुरू किए गए हैं और लगातार निगरानी रखी जा रही है।
गंगा नदी का जलस्तर पटना के निकट हर दो घंटे में करीब 2.5 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज कर रहा है। दीघाघाट, गांधीघाट और हाथीघाट क्षेत्रों में स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। जल संसाधन विभाग ने अगले 24 से 48 घंटे में जलस्तर में और वृद्धि की संभावना जताई है।
जिला अधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने बताया कि जिला नियंत्रण कक्ष 24 घंटे सक्रिय है। प्रभावित लोगों को तुरंत राहत पहुंचाई जा रही है। स्थिति नियंत्रण में है और अभी शरणस्थली की आवश्यकता नहीं है, लेकिन प्रशासन हर संभावित खतरे से निपटने को तैयार है।