
नेशनल डेस्क, मुस्कान कुमारी |
रैपिडो पर 10 लाख का जुर्माना: भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार प्रथा का मामला
नई दिल्ली: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने राइड-हेलिंग कंपनी रैपिडो (रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड) पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। प्राधिकरण ने पाया कि कंपनी के “गारंटीड ऑटो” और “5 मिनट में ऑटो या 50 रुपये पाएं” जैसे दावे वास्तविकता से भिन्न और उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाले थे।
विज्ञापनों की भ्रामकता उजागर
रैपिडो ने अपने प्रचार में कहा था कि 5 मिनट में ऑटो न मिलने पर उपभोक्ताओं को 50 रुपये मिलेंगे। जांच में सामने आया कि यह राशि नकद न होकर “रैपिडो कॉइन्स” के रूप में दी जाती थी। ये कॉइन्स केवल बाइक राइड पर खर्च किए जा सकते थे और उनकी वैधता सात दिन तक सीमित रहती थी। विज्ञापनों में इन शर्तों को छोटे अक्षरों में या अस्पष्ट रूप से दिखाया गया, जिससे उपभोक्ताओं को सही जानकारी नहीं मिल पाई। CCPA ने इसे उपभोक्ताओं को भ्रमित करने और उनके निर्णय को प्रभावित करने वाली गतिविधि माना।
रैपिडो ने यह विज्ञापन करीब 548 दिनों तक 120 से अधिक शहरों में हिंदी, तमिल, तेलुगु और कन्नड़ जैसी भाषाओं में प्रसारित किए। डिजिटल प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया, बिलबोर्ड और प्रिंट मीडिया पर इनका व्यापक प्रसार हुआ और ये लाखों उपभोक्ताओं तक पहुंचे।
शिकायतों में तेजी
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) पर रैपिडो के खिलाफ शिकायतें लगातार दर्ज होती रहीं। अप्रैल 2023 से मई 2024 के बीच 575 शिकायतें दर्ज हुईं, जबकि जून 2024 से जुलाई 2025 के दौरान यह संख्या बढ़कर 1,224 हो गई। उपभोक्ताओं ने अत्यधिक किराया वसूले जाने, रिफंड न मिलने, ड्राइवरों के असभ्य व्यवहार और वादा किए गए कैशबैक न मिलने जैसे मुद्दे उठाए। कई मामलों का समाधान भी समय पर नहीं हो सका, जिससे उपभोक्ताओं का भरोसा डगमगाया।
CCPA की सख्त कार्रवाई
प्राधिकरण ने अधिनियम की धारा 10, 20 और 21 के तहत रैपिडो को तुरंत ऐसे भ्रामक विज्ञापनों को बंद करने का आदेश दिया। साथ ही कंपनी को प्रभावित उपभोक्ताओं को वास्तविक 50 रुपये नकद लौटाने और 15 दिनों में अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। CCPA ने उपभोक्ताओं को सलाह दी कि “गारंटीड” या “आश्वासित” जैसे शब्दों वाले ऑफरों से सतर्क रहें और नियम-शर्तों को ध्यान से पढ़ें।
कानूनी पहलू और उपभोक्ता अधिकार
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 भ्रामक विज्ञापनों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है और CCPA को इस तरह की गतिविधियों की जांच और दंडात्मक कार्रवाई का अधिकार देता है। धारा 21 के अंतर्गत प्राधिकरण जुर्माना लगाने और उपभोक्ताओं के हित में आदेश जारी करने का अधिकार रखता है। रैपिडो पर की गई कार्रवाई उपभोक्ताओं तक सटीक और पारदर्शी जानकारी पहुंचाने की दिशा में एक ठोस कदम है।
कंपनी की चुप्पी
इस मामले में रैपिडो ने अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, यदि कंपनी CCPA के निर्देशों का पालन नहीं करती है तो उस पर आगे कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
उपभोक्ताओं के लिए सुझाव
CCPA ने उपभोक्ताओं को आगाह किया है कि वे “मुफ्त” या “गारंटीड” जैसे दावों पर तुरंत भरोसा न करें। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिए गए ऑफरों की शर्तों को अच्छी तरह पढ़ें, विशेषकर कैशबैक और मुआवजे से जुड़े मामलों में। शिकायत दर्ज कराने के लिए उपभोक्ता राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1915 या CCPA की वेबसाइट का उपयोग कर सकते हैं।
बाजार पर असर
यह मामला डिजिटल युग में उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा को मजबूत करने का संकेत है। रैपिडो जैसी बड़ी कंपनियों पर की गई कार्रवाई अन्य प्लेटफॉर्म्स के लिए चेतावनी है और इससे उपभोक्ताओं के बीच पारदर्शिता और विश्वास कायम रखने में मदद मिलेगी।