वॉशिंगटन डीसी की पुलिस पर संघीय नियंत्रण, ट्रंप ने अपराध के खिलाफ शुरू किया बड़ा अभियान

विदेश डेस्क, ऋषि राज |
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वॉशिंगटन डीसी में बढ़ते अपराध पर सख्त रुख अपनाते हुए मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग को प्रत्यक्ष संघीय नियंत्रण में लाने का एलान किया है। इसके लिए उन्होंने डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया होम रूल एक्ट लागू करने की घोषणा की। ट्रंप ने कहा कि यह कदम राजधानी में "कानून, व्यवस्था और सार्वजनिक सुरक्षा को पुनः स्थापित करने" के लिए उठाया गया है।
नेशनल गार्ड और संघीय एजेंसियों की तैनाती
ट्रंप ने बताया कि राजधानी में नेशनल गार्ड के सैनिकों को तैनात किया जाएगा, जिन्हें बिना किसी कानूनी या प्रशासनिक प्रतिबंध के अपने कर्तव्यों का पालन करने की अनुमति होगी। इसके साथ ही, करीब 500 संघीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों को वॉशिंगटन में तैनात किया जा रहा है।
इनमें 100 से अधिक एफबीआई एजेंट और लगभग 40 एजेंट अल्कोहल, तंबाकू, आग्नेयास्त्र और विस्फोटक ब्यूरो (ATF) के शामिल होंगे। साथ ही, आईसीई, डीईए और अन्य संघीय एजेंसियों के दर्जनों अधिकारी भी शहर में सक्रिय रहेंगे।
ट्रंप का 'वॉशिंगटन को आज़ाद कराने' का संदेश
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने बयान में कहा, मेरा लक्ष्य वॉशिंगटन को आज आज़ाद कराना है और निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या या चोट पहुंचाने के दिनों को हमेशा के लिए खत्म करना है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा और राजधानी में सुरक्षा बहाल करना सर्वोच्च प्राथमिकता है।
विशेषज्ञों की राय और चुनौतियां
ट्रंप के इस कदम को उनकी 'अपराध के खिलाफ सख्त' नीति का हिस्सा माना जा रहा है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्पष्ट नहीं है कि इस कदम से अपराध और बेघरपन जैसी समस्याओं की जड़ों पर कितना असर पड़ेगा। आलोचकों के अनुसार, केवल कानून प्रवर्तन बढ़ाने से दीर्घकालिक समाधान नहीं निकलेगा जब तक सामाजिक और आर्थिक कारणों को भी संबोधित नहीं किया जाता।
पिछले कुछ महीनों में वॉशिंगटन डीसी में हिंसक अपराधों, चोरी और मादक पदार्थों से जुड़े मामलों में तेज़ी आई है। स्थानीय प्रशासन की कोशिशों के बावजूद अपराध दर में उल्लेखनीय कमी नहीं आई। यही कारण है कि संघीय सरकार ने सीधे हस्तक्षेप करने का निर्णय लिया है।
यह कदम अमेरिकी राजधानी के प्रशासनिक ढांचे में बड़ा बदलाव माना जा रहा है और आने वाले दिनों में इसके राजनीतिक और कानूनी असर पर भी नज़र रखी जाएगी।