
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे गिरफ्तार, सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप....
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2023 में सरकारी पैसे का इस्तेमाल अपनी निजी लंदन यात्रा के लिए किया। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विक्रमसिंघे ने सितंबर 2023 में दस लोगों के साथ लंदन की यात्रा की थी, जो पूरी तरह निजी थी, लेकिन इसका खर्च सरकारी खजाने से उठाया गया।
यह गिरफ्तारी श्रीलंका के इतिहास में अभूतपूर्व है, क्योंकि इससे पहले किसी भी पूर्व राष्ट्रपति को इस तरह की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा था।
श्रीलंका बीते कुछ वर्षों से गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। ऐसे समय में जब जनता महंगाई, बेरोजगारी और कर्ज़ के बोझ से परेशान थी, विक्रमसिंघे पर निजी विलासिता के लिए सरकारी संसाधनों का उपयोग करने का आरोप गंभीर माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस यात्रा पर लाखों डॉलर का खर्च आया था, जिसे जनता के टैक्स से भरे गए कोष से निकाला गया।
जनता और विपक्ष की प्रतिक्रिया
गिरफ्तारी की खबर सामने आते ही श्रीलंका में राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई। विपक्षी दलों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि “यह भ्रष्टाचार के खिलाफ सही दिशा में कदम है और इससे यह संदेश जाएगा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।” दूसरी ओर, विक्रमसिंघे के समर्थकों का कहना है कि यह गिरफ्तारी राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित हो सकती है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और महत्व
श्रीलंका के पड़ोसी देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इस घटनाक्रम पर नज़र रखी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से श्रीलंका में पारदर्शिता और जवाबदेही की प्रक्रिया मजबूत होगी, लेकिन इससे राजनीतिक अस्थिरता और भी बढ़ सकती है।
रानिल विक्रमसिंघे की गिरफ्तारी श्रीलंका की राजनीति में एक बड़ा मोड़ है। यह न सिर्फ सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह ठहराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि जनता में विश्वास बहाली के लिए भी अहम साबित हो सकता है। आने वाले समय में अदालत का फैसला इस मामले का भविष्य तय करेगा और श्रीलंका की राजनीतिक दिशा पर गहरा असर डालेगा।