
हेल्थ डेस्क, मुस्कान कुमारी |
दोबारा गर्म किया तेल बन सकता है 'धीमा जहर', बढ़ जाता है कैंसर का खतरा....
नई दिल्ली: क्या आप भी खाना पकाने के बाद बचे तेल को दोबारा इस्तेमाल करते हैं? अगर हां, तो सावधान! यह आदत आपको कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी की चपेट में ला सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि एक बार इस्तेमाल किए तेल को दोबारा गर्म करने से उसमें जहरीले तत्व पैदा हो जाते हैं, जो शरीर के सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं। यह 'धीमा जहर' की तरह काम करता है, जो धीरे-धीरे स्वास्थ्य को बर्बाद कर देता है।
खाना पकाने में तेल का दोबारा इस्तेमाल एक आम आदत है, खासकर घरों और स्ट्रीट फूड स्टॉल्स पर। लेकिन यह कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा शायद ही लोगों को हो। जब तेल को बार-बार गर्म किया जाता है, तो उसमें फ्री रेडिकल्स और टॉक्सिक कंपाउंड्स बनने लगते हैं। ये तत्व सीधे शरीर के सेल्स पर हमला करते हैं, जिससे कैंसर का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। एल्डिहाइड्स जैसे रसायन भी पैदा होते हैं, जो कार्सिनोजेनिक यानी कैंसर पैदा करने वाले होते हैं।
स्ट्रीट फूड में छिपा खतरा, सर्वे ने खोली पोल
स्ट्रीट फूड प्रेमियों के लिए यह खबर और भी चौंकाने वाली है। भारत में कई दुकानदार एक ही तेल को 4-5 बार तक इस्तेमाल करते हैं। एक हालिया सर्वे में पाया गया कि ऐसे तेल के सैंपल्स में जहरीले तत्व विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के तय मानकों से दोगुने से ज्यादा थे। पकौड़े, समोसे या फ्राइड स्नैक्स खाते समय लोग अनजाने में यह जहर निगल रहे होते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह आदत न सिर्फ कैंसर, बल्कि हृदय रोग और सूजन जैसी समस्याओं को भी न्योता देती है।
तेल को दोबारा गर्म करने से उसका स्मोक पॉइंट कम हो जाता है, जिससे हानिकारक धुआं निकलता है। यह धुआं फेफड़ों को प्रभावित करता है और लंबे समय में श्वसन संबंधी बीमारियां पैदा कर सकता है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह ज्यादा जोखिम भरा है, क्योंकि उनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
तेल चुनने और इस्तेमाल करने के स्मार्ट तरीके
अब सवाल उठता है कि इस खतरे से कैसे बचा जाए? विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि हमेशा ताजा तेल का इस्तेमाल करें। सरसों का तेल या मूंगफली का तेल जैसे विकल्प चुनें, जो सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। ऑलिव ऑयल के मामले में सावधानी बरतें- एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल को तलने के लिए नहीं, बल्कि सलाद या हल्की ड्रेसिंग के लिए इस्तेमाल करें। पोमेस ऑलिव ऑयल से परहेज करें, क्योंकि यह उच्च तापमान पर जल्दी खराब हो जाता है।
इसके अलावा, डाइट में बदलाव लाएं। तले हुए खाने की जगह बेकिंग या स्टीमिंग को प्राथमिकता दें। देसी घी एक सुरक्षित विकल्प है, जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है और बार-बार गर्म करने पर भी कम हानिकारक साबित होता है। इन छोटे बदलावों से आप न सिर्फ कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं, बल्कि समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
घरेलू किचन में भी यह समस्या आम है। कई लोग सोचते हैं कि तेल बचाकर पर्यावरण की मदद कर रहे हैं, लेकिन असल में अपनी सेहत को जोखिम में डाल रहे होते हैं। डॉक्टरों की राय है कि इस्तेमाल किया तेल बायोडीजल या अन्य उपयोगों के लिए दें, लेकिन खाने में दोबारा न डालें।
यह आदत सिर्फ भारत में ही नहीं, दुनिया भर में फैली है। लेकिन जागरूकता की कमी के कारण लोग अनजाने में खतरे मोल लेते हैं। अगर आप भी स्ट्रीट फूड के शौकीन हैं, तो अगली बार सोचिएगा- क्या वह स्वादिष्ट स्नैक आपकी जान का दुश्मन तो नहीं बन रहा?
सेहत पर पड़ने वाले बड़े असर
बार-बार गर्म तेल से शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है, जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज करता है। इससे त्वचा पर झुर्रियां, बालों का झड़ना और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लंबे समय में यह इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। महिलाओं में यह हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है, जबकि पुरुषों में प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि छोटी-छोटी आदतें बदलकर बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है। तेल के सही चुनाव और इस्तेमाल से न सिर्फ आप स्वस्थ रहेंगे, बल्कि परिवार को भी सुरक्षित रख सकेंगे।