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49 लाख से ज्यादा छात्रों के खातों में 2,920 करोड़ रुपये ट्रांसफर: CM नीतीश

स्टेट डेस्क, मुस्कान कुमारी |

नीतीश का बड़ा तोहफा: 49 लाख से ज्यादा छात्रों के खातों में 2,920 करोड़ रुपये ट्रांसफर, शिक्षा क्रांति की नई शुरुआत!

पटना: बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को 49 लाख से अधिक छात्रों के बैंक खातों में कुल 2,920 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित कर दी। यह राशि विभिन्न छात्र कल्याण योजनाओं के तहत दी गई, जो राज्य के युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है। इसी कार्यक्रम में उन्होंने शिक्षा विभाग की 331 इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया, जिनकी कुल लागत 958.79 करोड़ रुपये है। यह पहल न केवल छात्रों की आर्थिक मदद करेगी, बल्कि बिहार के स्कूलों और कॉलेजों को आधुनिक रूप देने में भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। फेस्टिवल सीजन से पहले यह घोषणा लाखों परिवारों में खुशी की लहर दौड़ा रही है – क्योंकि अब शिक्षा का सपना हर घर तक पहुंचेगा!

छात्रों का भविष्य संवारेगा धनराशि का जख्मा: 49 लाख लाभार्थियों को सीधी मदद, गरीबी की जंजीरें टूटेंगी

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डिजिटल तरीके से सीधे छात्रों के आधार-लिंक्ड बैंक खातों में राशि भेजी, जो बिहार सरकार की ट्रांसपेरेंट और तेज डिलीवरी सिस्टम का शानदार उदाहरण है। ये योजनाएं उन छात्रों को लक्षित करती हैं जो आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई में रुकावट महसूस करते हैं। चाहे साइकिल योजना हो, जो लड़कियों को स्कूल पहुंचाने में मदद करती है, या फिर पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप जो उच्च शिक्षा के लिए सहारा देती है – हर योजना का मकसद एक ही है: शिक्षा को हर बच्चे का हक बनाना।

49 लाख से ज्यादा छात्रों को यह लाभ मिलना राज्य के शिक्षा परिदृश्य को नया आयाम देगा। कल्पना कीजिए, इतनी बड़ी संख्या में युवाओं के हाथ मजबूत होंगे – कुछ किताबें खरीदेंगे, कुछ ट्यूशन फीस भरेंगे, तो कुछ नए कोर्स जॉइन करेंगे। बिहार जैसे राज्य में जहां साक्षरता दर बढ़ाने की चुनौती बनी हुई है, यह 2,920 करोड़ का इंजेक्शन अर्थव्यवस्था को भी बूस्ट देगा। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी केंद्रों तक, हर कोने से छात्रों के चेहरे पर मुस्कान लौट आएगी। यह न सिर्फ पैसे का ट्रांसफर है, बल्कि सपनों का निवेश है – जो बिहार को आगे ले जाएगा!

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि "शिक्षा ही विकास की कुंजी है, और हम इसे हर बच्चे तक पहुंचाने के लिए कटिबद्ध हैं।" उनकी यह पहल पिछले कुछ वर्षों की उन योजनाओं का विस्तार है जो लड़कियों की शिक्षा पर विशेष जोर देती हैं। उदाहरण के लिए, साइकिल योजना के तहत अब तक लाखों लड़कियां स्कूल जा पाई हैं, और यह नया ट्रांसफर उस प्रयास को और मजबूत करेगा। लाभार्थी छात्रों में प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्तर तक के सभी शामिल हैं, जिससे राज्य का समग्र शिक्षा तंत्र सशक्त होगा। हाइप तो बनता है – क्योंकि यह राशि न केवल आज की जरूरतें पूरी करेगी, बल्कि कल के नेताओं को जन्म देगी!

इंफ्रास्ट्रक्चर का महाभियान: 331 परियोजनाओं से स्कूल बनेंगे स्मार्ट हब, 958 करोड़ का निवेश बदलेगा चेहरा

कार्यक्रम का दूसरा बड़ा आकर्षण शिक्षा विभाग की 331 नई परियोजनाओं का लॉन्च था। इनमें नए स्कूल भवनों का निर्माण, लाइब्रेरी का विस्तार, लैब सुविधाओं का उन्नयन और डिजिटल क्लासरूम शामिल हैं। कुल 958.79 करोड़ रुपये की यह लागत बिहार के शिक्षा ढांचे को मजबूत बनाने का ठोस संकल्प दर्शाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां अभी भी बुनियादी सुविधाओं की कमी है, वहां ये प्रोजेक्ट्स क्रांति लाएंगे – स्मार्ट बोर्ड, हाई-स्पीड इंटरनेट और मॉडर्न लैब्स से छात्रों का लर्निंग एक्सपीरियंस वैश्विक स्तर का हो जाएगा।

सोचिए, 331 प्रोजेक्ट्स का मतलब है सैकड़ों स्कूलों का ट्रांसफॉर्मेशन! कुछ जगहों पर नए हॉस्टल बनेंगे, तो कहीं खेल मैदान विकसित होंगे। यह निवेश न केवल भौतिक विकास करेगा, बल्कि शिक्षकों की क्षमता बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग सेंटर्स भी स्थापित करेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जोर देकर कहा कि "बिना मजबूत बुनियाद के ऊंची इमारत नहीं खड़ी होती, इसलिए हम इंफ्रास्ट्रक्चर पर पूरा फोकस कर रहे हैं।" बिहार के दूरदराज इलाकों में रहने वाले बच्चे अब शहरों जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे – वर्चुअल लैब्स से साइंस एक्सपेरिमेंट्स, ऑनलाइन लाइब्रेरी से अनलिमिटेड बुक्स। यह सब मिलकर एक ऐसा इकोसिस्टम बनाएगा जहां ड्रॉपआउट रेट घटेगा और एंरोलमेंट बढ़ेगा। हाइप क्रिएट करने का वक्त है – क्योंकि ये प्रोजेक्ट्स न सिर्फ ईंट-पत्थर जोड़ेंगे, बल्कि भविष्य के सपने बुनेंगे!

इन परियोजनाओं में पर्यावरण-अनुकूल डिजाइन का भी ख्याल रखा गया है, जैसे सोलर पैनल्स और वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम्स। राज्य के विभिन्न जिलों में फैली ये पहलें अगले दो वर्षों में पूरी होंगी, जिससे हजारों नौकरियां भी पैदा होंगी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यह निवेश बिहार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप ढालने में मदद करेगा। छात्रों के लिए यह एक सुनहरा दौर है – जहां क्लासरूम स्मार्ट बनेंगे, तो लाइब्रेरी डिजिटल। मुख्यमंत्री की यह दूरदर्शिता राज्य को शिक्षा के मानचित्र पर नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।

योजनाओं का जादू: डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से पारदर्शिता, बिहार मॉडल बनेगा मिसाल

2,920 करोड़ की यह राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए भेजी गई, जो भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने का सरकारी प्रयास है। विभिन्न योजनाओं में पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप, प्री-मैट्रिक सहायता और विशेष रूप से लड़कियों के लिए सशक्तिकरण स्कीम्स शामिल हैं। 49 लाख छात्रों को कवर करना एक रिकॉर्ड है, जो दर्शाता है कि सरकार की पहुंच कितनी गहरी है। ग्रामीण बिहार के उन परिवारों के लिए यह वरदान है जहां माता-पिता मजदूरी करते हैं और बच्चों की फीस एक बोझ बन जाती है।

नीतीश कुमार ने कार्यक्रम में छात्र प्रतिनिधियों से बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने वादा किया कि अगले बजट में शिक्षा के लिए और फंडिंग बढ़ाई जाएगी। यह ट्रांसफर न केवल मौजूदा सत्र के लिए है, बल्कि आने वाले वर्षों की योजना का हिस्सा भी। राज्य में साक्षरता दर को 80% से ऊपर ले जाने का लक्ष्य अब करीब लग रहा है। हाइप बढ़ाने का मौका – क्योंकि यह पैसे का फ्लो नहीं, बल्कि अवसरों की बाढ़ है!

इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के साथ मिलकर यह पहल बिहार को एक शिक्षा हब बनाने की दिशा में मजबूत कदम है। कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षा मंत्री और अधिकारीयों ने मुख्यमंत्री की तारीफ की, कहा कि यह मॉडल दूसरे राज्यों के लिए प्रेरणा बनेगा। छात्रों के माता-पिता उत्साहित हैं, क्योंकि अब उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित लग रहा है। पटना के इस भव्य फंक्शन में सैकड़ों छात्रों ने भाग लिया, और माहौल उत्साह से भरा था।

भविष्य की नींव: शिक्षा पर फोकस से बिहार बनेगा स्किल्ड यूथ का गढ़

ये योजनाएं और प्रोजेक्ट्स मिलकर बिहार के युवाओं को स्किल्ड बनाने का ब्लूप्रिंट तैयार कर रहे हैं। डिजिटल ट्रांसफर से पैसे की बचत भी हो रही है, जो सरकारी खजाने के लिए फायदेमंद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि "हर बच्चा हमारे देश का भविष्य है, और हम उन्हें मजबूत बनाएंगे।" यह पहल महामारी के बाद शिक्षा में आई खाई को भरने का प्रयास भी है। अब बिहार के गांवों में भी स्मार्ट क्लासेस होंगी, जहां बच्चे कोडिंग सीख सकेंगे।

कार्यक्रम के बाद अधिकारियों ने बताया कि अगले चरण में और 20 लाख छात्रों को कवर किया जाएगा। यह सब मिलकर एक बड़ा चेंज लाएगा – जहां बिहार न सिर्फ साक्षर बनेगा, बल्कि इनोवेटिव भी। हाइप तो चरम पर है – क्योंकि नीतीश का यह कदम बिहार को नई दिशा दे रहा है!