
स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार |
CM नीतीश ने 12 साहित्यकारों को दिया हिन्दी सेवी सम्मान, 5 लाख तक के पुरस्कार से किया सम्मानित
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री सचिवालय के 'संवाद' हॉल में हिन्दी सेवी सम्मान पुरस्कार (2023-24) का वितरण समारोह आयोजित किया। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के राजभाषा अनुभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ की।
पुरस्कार विजेताओं की सूची:
समारोह में मुख्यमंत्री ने अखिल भारतीय स्तर पर चयनित 12 साहित्यकारों और संस्थाओं को सम्मानित किया:
बाबा साहब अम्बेदकर पुरस्कार - जियालाल आर्य को 5 लाख रुपए के साथ (अनुसूचित जाति-जनजाति की शिक्षा में योगदान हेतु)
बी.पी. मंडल पुरस्कार - डॉ. शिव नारायण को 4 लाख रुपए के साथ (सामाजिक समरसता के लिए)
नागार्जुन पुरस्कार - डॉ. महेन्द्र मधुकर को 4 लाख रुपए के साथ (उपन्यास, कविता में विशिष्टता हेतु)
फणीश्वरनाथ रेणु पुरस्कार - हृषीकेश सुलभ को 4 लाख रुपए के साथ (आंचलिक कथा लेखन हेतु)
महादेवी वर्मा पुरस्कार - वंदना राग को 1 लाख रुपए के साथ (हिन्दी साहित्य में उल्लेखनीय योगदान हेतु)
बाबू गंगाशरण सिंह पुरस्कार - डॉ. के. श्रीनिवास राव को 1 लाख रुपए के साथ (अहिन्दी भाषी क्षेत्र में हिन्दी प्रसार हेतु)
विद्याकर कवि पुरस्कार - भारतीय भाषा परिषद्, कोलकाता के प्रतिनिधि घनश्याम सुगला को 1 लाख रुपए के साथ
विद्यापति पुरस्कार - स्वर्गीय कीर्तिनारायण मिश्र के पुत्र अजय मिश्र को 1 लाख रुपए के साथ (मिथिलांचल की संस्कृति पर कार्य हेतु)
मोहन लाल महतो वियोगी पुरस्कार - डॉ. कृष्ण कुमार सिंह को 1 लाख रुपए के साथ (मगध अंचल की संस्कृति हेतु)
भिखारी ठाकुर पुरस्कार - श्रीराम तिवारी को 1 लाख रुपए के साथ (भोजपुर अंचल की संस्कृति हेतु)
डॉ. ग्रियर्सन पुरस्कार - डॉ. इन्द्रकांत झा को 1 लाख रुपए के साथ (मैथिली भाषा में उत्कृष्टता हेतु)
डॉ. फादर कामिल बुल्के पुरस्कार - डॉ. श्रीभगवान सिंह को 1 लाख रुपए के साथ (हिन्दी भाषा और साहित्य में योगदान हेतु)
पुरस्कार की विशेषताएं:
सभी पुरस्कार विजेताओं को अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह और नकद राशि प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने सभी को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य और स्वस्थ जीवन की कामनाएं व्यक्त कीं।
कार्यक्रम की जानकारी:
अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि ये पुरस्कार 15 श्रेणियों में दिए जाते हैं। इस बार 15 में से 12 साहित्यकार/संस्थाएं उपस्थित थीं। निर्णायक मंडल द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर चयन किया गया था। मुख्यमंत्री को रामधारी सिंह दिनकर की कृति 'संस्कृति के चार अध्याय' भेंट की गई। कार्यक्रम में विधान परिषद उपसभापति डॉ. रामवचन राय, प्रधान सचिव दीपक कुमार, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. उपेन्द्र प्रसाद और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।