विदेश डेस्क, ऋषि राज |
यूरोप और रूस के बीच बढ़ते तनाव के बीच नीदरलैंड ने यूरोपीय संघ (EU) से रूस के तथाकथित ‘छद्म बेड़े’ और उससे जुड़ी तेल कंपनियों पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने की मांग की है। यह अपील उस समय सामने आई है, जब रूस अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचने के लिए वैकल्पिक समुद्री मार्गों और अपारदर्शी जहाज़ों के बेड़े का उपयोग कर रहा है, जिससे यूरोपीय ऊर्जा सुरक्षा और तेल बाजारों में पारदर्शिता को चुनौती मिल रही है।
नीदरलैंड के विदेश मंत्री डेविड वैन वील ने ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान यह मुद्दा उठाया। उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस ऐसे जहाज़ों और कंपनियों का इस्तेमाल कर रहा है जो प्रतिबंधों से बचने के उद्देश्य से अपनी वास्तविक पहचान छिपाते हैं, मार्ग बदलते रहते हैं या अपने मालिकाना ढांचे को अस्पष्ट रखते हैं। यही कारण है कि इन्हें ‘छद्म बेड़ा’ कहा जाता है।
विदेश मंत्री वैन वील ने कहा कि रूस की ऐसी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए ईयू को कड़े और सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि न केवल प्रतिबंधों की प्रभावशीलता बढ़े बल्कि यूरोपीय देशों की ऊर्जा आपूर्ति में स्थिरता और सुरक्षा कायम रहे। उन्होंने कहा कि रूस के तेल निर्यात पर लगाए गए वर्तमान प्रतिबंध पर्याप्त नहीं हैं और छद्म बेड़े के कारण बाजार में अस्थिरता बनी हुई है।
नीदरलैंड ने ईयू से आग्रह किया है कि वह ऐसे जहाज़ों की निगरानी बढ़ाए जो अपनी लोकेशन ट्रैकिंग बंद कर देते हैं या समुद्र में दूसरे जहाज़ों से तेल स्थानांतरण करते हैं। कई यूरोपीय सुरक्षा एजेंसियों ने पहले भी चेतावनी दी है कि रूस इस विधि का उपयोग करके यूरोपीय प्रतिबंधों को दरकिनार कर रहा है और वैश्विक तेल बाजार में बड़ा प्रभाव डाल रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपीय संघ पहले ही रूस के ऊर्जा उद्योग और उसके तेल निर्यात पर कई दौर के प्रतिबंध लगा चुका है। हालांकि, रूस की 'छद्म विधियों' के कारण ये प्रतिबंध पूरी तरह प्रभावी नहीं हो पा रहे हैं। नीदरलैंड का मानना है कि यदि ईयू एक और सख्त प्रतिबंध पैकेज तैयार करे और विशेष रूप से 'Shadow Fleet' पर कार्रवाई करे, तो रूस की आर्थिक क्षमताओं को कमजोर किया जा सकता है।
बैठक में कई यूरोपीय देशों ने भी इस बात पर सहमति जताई कि रूस द्वारा प्रतिबंधों से बचने के लिए अपनाई जा रही रणनीतियाँ चिंताजनक हैं और उन पर संयुक्त रूप से नियंत्रण की आवश्यकता है। एक अधिकारी ने कहा कि ऐसे बेड़ों के चलते न केवल प्रतिबंधों का अर्थ कम हो जाता है, बल्कि समुद्री पर्यावरण, सुरक्षा और बीमा मानकों को भी खतरा पैदा होता है।
यूरोपीय संघ की ओर से फिलहाल इस मांग पर कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन बैठक में यह संकेत मिला कि ईयू आने वाले हफ्तों में रूस पर नए प्रतिबंधों पर विचार कर सकता है। नीदरलैंड की इस पहल को रूस द्वारा जारी आक्रामक गतिविधियों और ऊर्जा राजनीति को देखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
कुल मिलाकर, इस मुद्दे ने ईयू के भीतर एक नई बहस को जन्म दिया है कि रूस की आर्थिक गतिविधियों पर नियंत्रण पाने के लिए भविष्य में किस प्रकार के अतिरिक्त उपाय किए जा सकते हैं।







