
नेशनल डेस्क, श्रेया पांडेय |
भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में एक और मील का पत्थर स्थापित हुआ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुप्रतीक्षित नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Navi Mumbai International Airport - NMIA) का उद्घाटन किया। यह अत्याधुनिक हवाई अड्डा देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर से हवाई यातायात के बढ़ते बोझ को कम करने और महाराष्ट्र तथा पूरे पश्चिमी भारत के लिए आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक एयरपोर्ट नहीं, बल्कि 'विकसित भारत' के संकल्प को साकार करने वाला एक नया द्वार है।
इस एयरपोर्ट के उद्घाटन समारोह में महाराष्ट्र के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन और रनवे का निरीक्षण किया और इसकी आधुनिक सुविधाओं की जानकारी ली।
नवी मुंबई एयरपोर्ट को वैश्विक मानकों के अनुरूप डिज़ाइन किया गया है और यह अपनी विशिष्ट विशेषताओं के कारण देश के अन्य हवाई अड्डों से अलग खड़ा है। इसकी शुरुआती वार्षिक यात्री क्षमता लगभग 2.5 करोड़ यात्रियों की होगी, जिसे भविष्य में चरणबद्ध तरीके से बढ़ाकर 9 करोड़ यात्रियों तक ले जाने की योजना है। यह वृद्धि मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मौजूदा दबाव को काफी हद तक कम करेगी। यह नया एयरपोर्ट दो समानांतर रनवे से सुसज्जित है, जो एक साथ विमानों के उतरने और उड़ान भरने की क्षमता रखते हैं, जिससे संचालन की दक्षता (operational efficiency) में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा:
इस परियोजना का सबसे बड़ा प्रभाव नवी मुंबई और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला है। विश्लेषकों का मानना है कि NMIA के चालू होने से इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे, खासकर विमानन, लॉजिस्टिक्स, आतिथ्य (hospitality) और खुदरा (retail) क्षेत्रों में। बेहतर कनेक्टिविटी के कारण व्यापार और निवेश आकर्षित होगा, जिससे नवी मुंबई एक प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र के रूप में उभरेगा। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में 'ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस' (Ease of Doing Business) पर ज़ोर देते हुए कहा कि यह एयरपोर्ट न केवल यात्रियों को सुविधा देगा, बल्कि कार्गो आवाजाही को भी सुगम बनाएगा, जिससे निर्यात को गति मिलेगी।
पर्यावरण और तकनीक पर ज़ोर:
नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण में पर्यावरणीय स्थिरता (environmental sustainability) का विशेष ध्यान रखा गया है। इसे ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट पर डिज़ाइन किया गया है, जिसमें ऊर्जा दक्षता (energy efficiency) और जल संरक्षण पर ज़ोर दिया गया है। तकनीकी मोर्चे पर, यह एयरपोर्ट यात्रियों को संपर्क रहित (contactless) यात्रा का अनुभव प्रदान करने के लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग करेगा, जिसमें बायोमेट्रिक आधारित बोर्डिंग प्रणाली (biometric-based boarding system) और स्वचालित सामान हैंडलिंग प्रणाली (automated baggage handling system) शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को बधाई देते हुए कहा कि यह एयरपोर्ट 'नए भारत' की उस आकांक्षा का प्रतीक है जो 'स्पीड' (Speed) और 'स्केल' (Scale) पर काम करने में विश्वास रखता है। उन्होंने कहा कि "आज से, नवी मुंबई का यह द्वार देश और दुनिया को जोड़ने का एक नया केंद्र बनेगा। यह महाराष्ट्र की प्रगति और भारत की वैश्विक पहचान को एक नई ऊंचाई प्रदान करेगा।"
यह उद्घाटन इस बात को रेखांकित करता है कि केंद्र सरकार देश के प्रमुख महानगरों में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए कितनी प्रतिबद्ध है। नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा जल्द ही भारत के विमानन मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण हब बन जाएगा।