
विदेश डेस्क, नीतीश कुमार |
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी घाना, त्रिनिदाद एवं टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राज़ील और नामीबिया की यात्रा पूरी कर गुरुवार को भारत लौट आए। इस दौरे के दौरान उन्होंने ब्राज़ील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी भाग लिया।
यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को सशक्त बनाने, आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने और वैश्विक दक्षिण में भारत की भूमिका को विस्तार देने पर जोर दिया। इस दौरान कई अहम घोषणाएं की गईं और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए।
अर्जेंटीना और ब्राज़ील में व्यापार, निवेश, कृषि, प्रौद्योगिकी और रक्षा क्षेत्रों में सहयोग पर खास ध्यान दिया गया। ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने वैश्विक आर्थिक व्यवस्थाओं में सुधार, सतत विकास और बहुपक्षीय संस्थाओं के पुनर्गठन जैसे अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
घाना और नामीबिया की यात्रा के दौरान मोदी ने भारत की वैश्विक दक्षिण के साथ भागीदारी को और गहरा करने की प्रतिबद्धता जताई। इन मुलाकातों में विशेष रूप से क्षमता निर्माण, बुनियादी ढाँचे के विकास और शैक्षणिक साझेदारी को प्राथमिकता दी गई। वहीं, त्रिनिदाद एवं टोबैगो में उनकी यात्रा ने भारत और कैरिबियाई क्षेत्र के बीच सांस्कृतिक और जनस्तरीय संबंधों को और प्रगाढ़ किया।
ब्राज़ील, नामीबिया और त्रिनिदाद एवं टोबैगो ने प्रधानमंत्री मोदी को क्रमशः 'ग्रैंड कॉलर ऑफ़ द नेशनल ऑर्डर ऑफ़ द सदर्न क्रॉस', 'ऑर्डर ऑफ़ द मोस्ट एंशिएंट वेल्वित्चिया मिराबिलिस' और 'ऑर्डर ऑफ़ द रिपब्लिक ऑफ़ त्रिनिदाद एवं टोबैगो' से सम्मानित किया। मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से उन्हें अब तक कुल 27 अंतरराष्ट्रीय नागरिक सम्मानों से नवाजा जा चुका है।
इस यात्रा में प्रधानमंत्री ने घाना, त्रिनिदाद एवं टोबैगो और नामीबिया की संसदों को भी संबोधित किया। इस तरह उन्होंने विदेशों में दिए गए संसद संबोधनों की संख्या को 17 तक पहुँचा दिया, जो कांग्रेस काल के सभी प्रधानमंत्रियों द्वारा संयुक्त रूप से किए गए संबोधनों की कुल संख्या के बराबर है। कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों में मनमोहन सिंह (7), इंदिरा गांधी (4), जवाहरलाल नेहरू (3), राजीव गांधी (2) और पी.वी. नरसिम्हा राव (1) शामिल हैं।