
रिपोर्ट, मुस्कान कुमारी |
“सपने वो नहीं जो सोते वक्त देखे जाते हैं, सपने वो हैं जो आपको सोने न दें।” यह कथन उन लाखों युवाओं के लिए एकदम सटीक है, जो यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में अपनी जिंदगी का हर पल समर्पित कर देते हैं। कठिन मेहनत, अनगिनत रातों की पढ़ाई और अनुशासन के बावजूद कई बार अंतिम चयन से चूक जाना उनके लिए निराशा का पहाड़ बन जाता है। लेकिन, अब यूपीएससी की अनूठी पहल ‘प्रतिभा सेतु’ पोर्टल इन युवाओं के लिए एक नई राह लेकर आया है। यह पोर्टल न केवल असफल उम्मीदवारों को रोजगार के नए अवसर प्रदान करता है, बल्कि देश की अमूल्य मानव संपदा को बर्बाद होने से बचाने का एक अभिनव प्रयास भी है। आइए, इस पोर्टल की विशेषताओं, इसके महत्व और इसके प्रभाव को गहराई से समझते हैं।
‘प्रतिभा सेतु’ की परिकल्पना
‘प्रतिभा सेतु’ यूपीएससी द्वारा शुरू किया गया एक डिजिटल मंच है, जिसका पूरा नाम है प्रोफेशनल रिसोर्स एंड टैलेंट इंटीग्रेशन – ब्रिज फॉर हायरिंग एस्पिरेंट्स। यह उन प्रतिभाशाली युवाओं के लिए बनाया गया है, जो यूपीएससी की विभिन्न कठिन परीक्षाओं जैसे सिविल सेवा (IAS, IPS, IFS), इंजीनियरिंग सेवा, भारतीय वन सेवा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF), संयुक्त भू-वैज्ञानिक परीक्षा, संयुक्त रक्षा सेवा (CDS), भारतीय आर्थिक/सांख्यिकी सेवा (IES/ISS) और संयुक्त चिकित्सा सेवा (CMS) के सभी चरणों—प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार—को पार करने के बाद भी अंतिम मेरिट सूची में जगह नहीं बना पाते।
20 जून 2025 को लॉन्च हुआ यह पोर्टल इन होनहार युवाओं को सरकारी और निजी क्षेत्र के नियोक्ताओं से जोड़ने का एक सेतु है। पहले ‘पब्लिक डिस्क्लोजर स्कीम’ (PDS) के नाम से शुरू हुई यह योजना, जो 20 अगस्त 2018 को संयुक्त चिकित्सा सेवा परीक्षा 2017 के लिए लागू की गई थी, अब ‘प्रतिभा सेतु’ के रूप में एक नए और उन्नत अवतार में सामने आई है। इसका उद्देश्य उन उम्मीदवारों की प्रतिभा को पहचानना और उनका सही उपयोग सुनिश्चित करना है, जो अंतिम चरण में मामूली अंतर से चयन से वंचित रह गए।
असफलता को अवसर में बदलने की पहल
यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा को दुनिया की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक माना जाता है। हर साल लाखों युवा इस परीक्षा में हिस्सा लेते हैं, लेकिन सीमित सीटों के कारण केवल 0.02% उम्मीदवार ही अंतिम चयन तक पहुंच पाते हैं। उदाहरण के लिए, सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 13.4 लाख आवेदन आए, जिनमें से 14,627 उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण हुए। मुख्य परीक्षा के बाद 2,845 उम्मीदवार साक्षात्कार तक पहुंचे, लेकिन केवल 1,009 का ही अंतिम चयन हुआ। बाकी बचे हजारों उम्मीदवार, जो अपनी मेहनत और योग्यता से अंतिम चरण तक पहुंचे, अक्सर निराशा और अनिश्चितता के भंवर में फंस जाते हैं।
‘प्रतिभा सेतु’ इन उम्मीदवारों के लिए एक नया अवसर लेकर आया है। इस पोर्टल पर 10,000 से अधिक ऐसे उम्मीदवारों का डेटाबेस उपलब्ध है, जो यूपीएससी की कठिन प्रक्रिया से गुजर चुके हैं। यह पोर्टल नियोक्ताओं को इन उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता, अनुभव और संपर्क विवरण जैसी जानकारी प्रदान करता है, बशर्ते उम्मीदवार ने अपनी जानकारी साझा करने की सहमति दी हो। इससे न केवल उम्मीदवारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है, बल्कि नियोक्ताओं को भी उच्च गुणवत्ता वाले पेशेवरों तक आसान पहुंच मिलती है।
पोर्टल की एक अनूठी विशेषता यह है कि यह उम्मीदवारों को अपनी गोपनीयता बनाए रखने की स्वतंत्रता देता है। वे अपनी जानकारी को कुछ नियोक्ताओं से छिपाने का विकल्प चुन सकते हैं, जिससे उनकी निजता का सम्मान होता है और इस मंच पर उनका विश्वास बढ़ता है।
नियोक्ताओं के लिए एक सुनहरा अवसर
‘प्रतिभा सेतु’ केवल उम्मीदवारों के लिए ही नहीं, बल्कि नियोक्ताओं के लिए भी एक वरदान है। इस पोर्टल पर केंद्रीय मंत्रालय, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSUs), स्वायत्त निकाय और निजी कंपनियां पंजीकरण कर सकती हैं। पंजीकरण के लिए नियोक्ताओं को अपना कॉर्पोरेट आइडेंटिफिकेशन नंबर (CIN) प्रदान करना होता है, जिसके बाद उन्हें लॉगिन क्रेडेंशियल्स मिलते हैं। इसके जरिए वे उम्मीदवारों के डेटाबेस तक पहुंच सकते हैं और अपनी आवश्यकताओं के अनुसार शॉर्टलिस्टिंग, साक्षात्कार और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
यह पोर्टल नियोक्ताओं को उन उम्मीदवारों तक पहुंचने का मौका देता है, जो पहले ही यूपीएससी की कठिन प्रक्रिया से गुजर चुके हैं और अपनी योग्यता सिद्ध कर चुके हैं। इससे भर्ती प्रक्रिया न केवल तेज और पारदर्शी होती है, बल्कि नियोक्ताओं को उच्च क्षमता वाले पेशेवरों का एक विश्वसनीय पूल भी मिलता है। निजी क्षेत्र की कंपनियां भी यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट (upsconline.gov.in) के माध्यम से स्वतंत्र रूप से पंजीकरण कर सकती हैं, जिससे रोजगार के अवसरों का दायरा और व्यापक हो जाता है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और विकास
‘प्रतिभा सेतु’ की नींव 2018 में ‘पब्लिक डिस्क्लोजर स्कीम’ के रूप में रखी गई थी, जब यूपीएससी ने पहली बार संयुक्त चिकित्सा सेवा परीक्षा 2017 के गैर-चयनित उम्मीदवारों की जानकारी नियोक्ताओं के साथ साझा की थी। उस समय यह योजना सीमित दायरे में थी, लेकिन इसकी सफलता ने इसे व्यापक बनाने की प्रेरणा दी। 2025 में इसे ‘प्रतिभा सेतु’ के रूप में रीब्रांड किया गया, जिसमें कई नई सुविधाएं और उपयोगकर्ता-अनुकूल इंटरफेस जोड़ा गया।
यह पोर्टल देश में प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं से जुड़ी चुनौतियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह न केवल उम्मीदवारों की निराशा को कम करता है, बल्कि देश की मानव पूंजी को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम भी है। यह पहल उन युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो असफलता के बाद भी अपने सपनों को जीवित रखना चाहते हैं।
‘प्रतिभा सेतु’ के प्रमुख आंकड़े
| विवरण | जानकारी |
| पोर्टल का नाम | प्रतिभा सेतु (पूर्व में पब्लिक डिस्क्लोजर स्कीम) |
| लॉन्च तिथि | 20 जून 2025 |
| उद्देश्य | गैर-चयनित यूपीएससी उम्मीदवारों को रोजगार अवसर प्रदान करना |
| उम्मीदवारों की संख्या | 10,000+ |
| पात्र परीक्षाएं | सिविल सेवा, IES, IFS, CAPF, CDS, भू-वैज्ञानिक, IES/ISS, CMS |
| पहली बार लागू | 20 अगस्त 2018 (संयुक्त चिकित्सा सेवा परीक्षा 2017) |
| नियोक्ता पहुंच | लॉगिन क्रेडेंशियल्स; निजी कंपनियां स्वतंत्र पंजीकरण कर सकती हैं |
| उम्मीदवार डेटा | शैक्षणिक योग्यता, वैकल्पिक विषय, साक्षात्कार अंक, संपर्क विवरण |
| गोपनीयता विकल्प | उम्मीदवार अपनी जानकारी चुनिंदा नियोक्ताओं से छिपा सकते हैं |
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
‘प्रतिभा सेतु’ का लॉन्च 20 जून 2025 को हुआ और इसने तुरंत ही मीडिया और सामाजिक मंचों का ध्यान आकर्षित किया। समाचार पत्रों और ऑनलाइन पोर्टलों ने इसे यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया। यह पोर्टल न केवल सिविल सेवा उम्मीदवारों के लिए, बल्कि अन्य प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए भी एक मॉडल बन सकता है।
इसके गोपनीयता और डेटा नियंत्रण के फीचर्स उम्मीदवारों में विश्वास जगाते हैं, जिससे अधिक से अधिक लोग इस मंच का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। भविष्य में, यह पोर्टल अन्य सरकारी परीक्षा बोर्डों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है, जिससे देश भर में प्रतिभा और अवसरों के बीच की खाई को और कम किया जा सके। यह पहल न केवल व्यक्तिगत स्तर पर उम्मीदवारों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक ढांचे को भी मजबूत करने में योगदान दे सकती है।
‘प्रतिभा सेतु’ यूपीएससी का एक ऐसा प्रयास है, जो उन युवाओं की प्रतिभा को नमन करता है, जो अंतिम चरण में चयन से चूक गए, लेकिन अपनी मेहनत और क्षमता से देश को गौरवान्वित करने का दम रखते हैं। यह पोर्टल उनके लिए रोजगार के नए द्वार खोलता है और उनकी प्रतिभा का सही उपयोग सुनिश्चित करता है। गोपनीयता, पारदर्शिता और उपयोगकर्ता-अनुकूल डिजाइन के साथ, यह पहल उम्मीदवारों और नियोक्ताओं दोनों के लिए एक जीत की स्थिति पैदा करती है।
यूपीएससी का यह कदम उन युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो असफलता को अपने सपनों का अंत नहीं मानते। जैसा कि एक प्राचीन कहावत है, “हर रात के बाद एक नया सवेरा आता है” – ‘प्रतिभा सेतु’ उन उम्मीदवारों के लिए वह सवेरा है, जो अपने सपनों को हकीकत में बदलने की राह पर अडिग हैं। यह पोर्टल न केवल व्यक्तिगत आकांक्षाओं को पंख देता है, बल्कि देश की मानव पूंजी को एक नई दिशा प्रदान करता है।